Panchak Mrityu Dosh: हाल ही में 24 नवंबर को बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जिस समय में धर्मेंद्र की मृत्यु हुई उस समय में पंचक मृत्यु दोष था। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होता है मृत्यु पंचक दोष
Dharmendra Died DuringPanchak Mrityu Dosh : बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र की मृत्यु के बाद पंडित जी ने बड़ खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जिस दौरान धर्मेंद्र ने अपनी अंतिम सांसे ली उस समय मृत्यु पंचक दोष चल रहा था। शास्त्रों में पंचक काल में मृत्यु होना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसी मान्यता कि जिन लोगों की पंचक के समय में मौत होती है तो वो और पांच लोगों की मौत का कारण बनते हैं परिवार के लिए बहुत कष्टदायी होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार पंचक काल में मृत्यु होने से आत्मा को स्वर्गलोक की सीधी प्राप्ति नहीं होती है। पंचक पांच नक्षत्रों के मेल से बनता है। हर महीने में पांच दिन के लिए पंचक लगता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए जाने क्या होता है मृत्यु पंचक।
पंचक पांच प्रकार के होते हैं, जैसे रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, चोर पंचक और मृत्यु पंचक। इन पांचों पंचक में से सबसे खतरनाक पंचक मृत्यु पंचक को माना जाता है। जिस पंचक की शुरुआत शनिवार के दिन से होती है वो पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। मृत्यु पंचक के समय होने वाली मौत परिवार के लिए सबसे कष्टदायी और संकट देने वाली मानी जाती है। मृत्यु पंचक के समय में लोगों को मानसिक और शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
शास्त्रों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की मौत मृत्यु पंचक के समय में हो जाती है तो उनका अंतिम संस्कार अलग तरीके से किया जाता है। इस दोष में छुटकारा पाने के लिए मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के समय आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर उन्हें शव के साथ जला देना चाहिए। ऐसा करने से परिवार पर से सारे सकट टल जाते हैं और पंचक मृत्यु दोष भी खत्म हो जाता है। इस समय में ग्रह नक्षत्र की शांति के लिए और मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए पूजा भी करा सकते हैं।
पंचक के दौरान किसी भी प्रकार का कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस समय में आपको यात्रा करने से भी बचना चाहिए। पंचक के समय में ना कोई नया घर खरीदें ना ही कोई नया सामान खरीदना चाहिए। पंचक के समय में लकड़ी से बना सामान खरीदना या बनवाना भी शुभ नहीं माना जाता है।