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Rath Saptami 2025: रथ सप्तमी के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, सूर्य दोष से मिल सकती है मुक्ति

Rath Saptami 2025: रथ सप्तमी का दिन नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर जीवन में उज्ज्वल भविष्य प्रदान करता है। अगर सूर्य दोष से पीड़ित हैं तो इस दिन पूजा-अर्चना करके अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

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Feb 01, 2025
रथ सप्तमी 2025

Rath Saptami 2025: रथ सप्तमी हिंदू धर्म में सूर्य भगवान की पूजा का विशेष पर्व है। यह माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इसलिए इसे माघ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इस दिन पूजा शुभ महूर्त और महत्व।

माघ मास की रथ सप्तमी को सूर्य जयंती भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है। अगर कुंडली में सूर्य कमजोर है या ग्रह दोष बना हुआ है, तो इस दिन विशेष उपाय करने से सकारात्मक फल मिलते हैं।

रथ सप्तमी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 4 फरवरी 2025 मंगलवार को पड़ रही है। सप्तमी की शुरुआत 4 फरवरी की सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर होगी। वहीं अगले दिन 5 दिन बुधवार की सुबह के 02 बजकर 30 मिनट पर होगी। इसलिए रथ सप्तमी का त्योहार 04 फरवरी मंगलवार को मनाया जाएगा।

सूर्य देव को जल अर्पित करें

रथ सप्तमी के दिन मुख्य रुप से भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर पवित्र जल से स्नान करें। इसके बाद सूर्योदय के समय ही सूर्य देव को जल चढ़ाएं। क्योंकि सूर्य भगवान की पूजा का सबसे उत्तम समय सूर्योदय माना जाता है। इस दौरान सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से पुण्य फल प्राप्त होता है।

जल ये चीज डालकर सूर्य को अर्घ्य दें

रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से पहले एक तांबे के लोटे में स्वच्छ जल लें इसमें थोड़ा गंगा जल मिलाएं इसके बाद गुड़, चावल और लाल पुष्प डालें। इसके बाद भगवान सूर्य देव के ठीक सामने खड़ें हों, जहां से आपको भगवान सूर्य देव साफ दिखाई देते रहे हों।
दोनों हाथों से लोटा को पकड़े और भगवान सूर्य के इस मंत्र ॐ घृणिः सूर्याय नमः का जाप करते हुए अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय यह ध्यान रहे कि जल की धार बीच में न रुके।

सूर्य दोष से मुक्ति के लिए उपाय

घर के पूजा स्थल पर भगवान सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र लगाएं। इसके साथ ही फल, गुड़, तिल व मिठाई अर्पित करें। सूर्य देव की प्रतिमा के सामने आसन लगाकर बैठें और इन मंत्रों का जाप करें। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः, ॐ घृणिः सूर्याय नमः और रथ सप्तमी व्रत कथा का पाठ करें और आरती करें।

इन चीजों का दान करें

ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र और तिल दान करें। असहाय या गरीब लोगों को गुड़ और गेहूं का दान करें। इसके अलावा ताबें का बर्तन, लाल वस्त्र, माणिक्य, लाल चंदन, गर्म कपड़े आदि चीजें दान करने से भी सूर्य दोष का प्रभाव कम होता है।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Published on:
01 Feb 2025 08:35 am
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