Rudrabhishek Stotram: भगवान शिव को अभिषेक बहुत प्रिय है, वैसे तो किसी दिन रुद्राभिषेक किया जा सकता है, लेकिन सोमवार, त्रयोदशी और शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक स्तोत्रम् का पाठ कर महादेव के अभिषेक करना चाहिए। इस लघु रुद्राभिषेक स्तोत्रम् का 11 बार पाठ कर नियम पूर्वक अभिषेक करने से जीवन के हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और भविष्य में आने वाला संकट भी नहीं आता...
ॐ सर्वदेवेभ्यो नम :
ॐ नमो भवाय शर्वाय रुद्राय वरदाय च।
पशूनां पतये नित्यमुग्राय च कपर्दिने॥1॥
महादेवाय भीमाय त्र्यम्बकाय च शान्तये।
ईशानाय मखघ्नाय नमोऽस्त्वन्धकघातिने॥2॥
कुमारगुरवे तुभ्यं नीलग्रीवाय वेधसे।
पिनाकिने हिवष्याय सत्याय विभवे सदा॥3॥
विलोहिताय धूम्राय व्याधायानपराजिते।
नित्यनीलिशखण्डाय शूलिने दिव्यचक्षुषे॥4॥
हन्त्रे गोप्त्रे त्रिनेत्राय व्याधाय वसुरेतसे।
अचिन्त्यायाम्बिकाभर्त्रे सर्वदेवस्तुतायच॥5॥
वृषध्वजाय मुण्डाय जिटने ब्रह्मचारिणे।
तप्यमानाय सिलले ब्रह्मण्यायाजिताय च॥6॥
विश्वात्मने विश्वसृजे विश्वमावृत्य तिष्ठते।
नमो नमस्ते सेव्याय भूतानां प्रभवे सदा॥7॥
ब्रह्मवक्त्राय सर्वाय शंकराय शिवाय च।
नमोऽस्तु वाचस्पतये प्रजानां पतये नम:॥8॥
नमो विश्वस्य पतये महतां पतये नम:।
नम: सहस्रिशरसे सहस्रभुजमृत्यवे।
सहस्रनेत्रपादाय नमोऽसंख्येयकर्मणे॥9॥
नमो हिरण्यवर्णाय हिरण्यकवचाय च।
भक्तानुकिम्पने नित्यं सिध्यतां नो वर: प्रभो॥10॥
एवं स्तुत्वा महादेवं वासुदेव: सहार्जुन:।
प्रसादयामास भवं तदा ह्यस्त्रोपलब्धये॥11॥
॥ इति शुभम्॥
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तांबे का लोटा लेकर उसमें शुद्ध पानी, दूध, चावल, बिल्व पत्र, दूर्वा, सफेद तिल, घी, मिलाकर शिवलिंग पर घृतधारा चालू कर इस लघु रुद्राभिषेकस्तोत्रम् का पठन 11 बार श्रद्धापूर्वक करने से जीवन में आनेवाली आधि, व्याधि टल जाती है। साथ ही सुख शांति मिलती है।