Bhima Gada: भीम को चमत्कारी गदा प्रदान करने की कथा शक्ति, समर्पण और आध्यात्मिक मार्गदर्शन का संदेश देती है। यह कथा भारतीय पौराणिक इतिहास का एक अद्वितीय अंग है।
Bhima Gada:महाभारत के महायोद्धाओं में से एक भीम अपनी अद्भुत बलशक्ति और साहस के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि भीम पांडवों में सबसे शक्तिशाली योद्धा थे। क्योंकि इनमें सौ हाथियों के बराबर ताकत थी। भीम गदा विद्या में निपुर्ण माने जाते थे। लेकिन क्या आप भीम की चमत्कारी गदा के बारें जानते हैं कि यह किसने दी और इसको कौन सी शक्ति प्रदान थी? यहां जानिए को किसने दी गदा।
महायोद्धा भीम को चमत्कारी गदा हनुमान जी ने प्रदान की थी। धार्मिक कथा के अनुसार जब पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान जंगल में भटक रहे थे। उस दौरान भीम ने एक विशाल वानर को अपनी राह में पड़ा देखा। यह वानर कोई और नहीं बल्कि स्वयं हनुमान जी थे। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी भीम की परीक्षा लेना चाहते थे। जब भीम ने उनसे रास्ते से हटने को कहा तो हनुमान जी ने भीम से अपनी पूंछ हटाने के लिए कहा। भीम ने पूरी ताकत लगाई लेकिन पूंछ को हिला भी नहीं सके।
जब भीम को यह आभास हुआ कि यह कोई साधारण वानर नहीं है। तो उन्होंन हार मानकर हनुमान जी को पहचान कर क्षमा मांगी। जिसके बाद हनुमान जी ने प्रसन्न होकर भीम को गदा प्रदान की साथ ही गदा युद्ध कला में पारंगत होने का आशीर्वाद दिया। यह गदा इतनी चमत्कारी और शक्तिशाली थी कि कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान भीम ने इसी गदा से दुर्योधन की जंघा को तोड़कर उसे पराजित किया।
महाबलशाली भीम की गदा शक्ति, साहस और युद्ध कौशल का प्रतीक मानी जाती है। यह गदा केवल एक हथियार मात्र नहीं थी।इस गदा ने महाभारत के युद्ध में भीम को अमोघ शक्ति प्रदान की। उनके बल और विजय का आधार बनी। इस गदा के कारण भीम ने न केवल कौरवों को परास्त किया, बल्कि धर्म और न्याय की स्थापना में भी योगदान दिया।