
Guruwar ke Upay Vrat Niyam Vidhi: गुरुवार को इन बातों का खास ध्यान रखें। (Photo: Gemini Ai)
Guruwar ke Upay: सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव का माना जाता है। इस दिन प्रभु विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की कृपा पाने का सबसे शुभ समय होता है। ऐसे में इस लेख में हम आपके लिए गुरुवार के आसान से उपाय लेकर आए हैं, जिन्हें जीवन में उतारकर मनचाही इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। साथ ही मेंटल पीस और तनाव से छुटकारा भी मिलता है।
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत, पूजा और दान करने से ज्ञान, धन, सुख-समृद्धि और घर की शांति में बढ़ोतरी और फैमिली प्रॉब्लम से छुटकारा मिलता है। ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह जीवन में सही दिशा, संस्कार और भाग्य लाने वाला होता है, इसलिए गुरुवार का दिन बेहद खास होता है।
गुरुवार के दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए। स्नान के पानी में एक चुटकी हल्दी डालना शुभ माना जाता है। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान पर भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। उन्हें पीले फूल, चने की दाल, गुड़ और फल अर्पित करें। दीप जलाकर विधि-विधान से आरती करें।
इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। केले के पेड़ पर जल और पीले फूल चढ़ाकर 11 बार परिक्रमा करने से विवाह और संतान से जुड़ी बाधाएं दूर होने की मान्यता है। पूजा के दौरान “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” या “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करें। घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तोत्र का पाठ करना बहुत फायदेमंद होता है।
गुरुवार को दान-पुण्य का खास फल मिलता है। इस दिन चने की दाल, हल्दी, पीले फल, गुड़, पीले वस्त्र और किताबें जरूरतमंदों को दान करनी चाहिए। गाय को आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी मिलाकर खिलाना भी बेहद शुभ होता है।
ध्यान रहेे, गुरुवार को बाल और नाखून काटने, कपड़े धोने और घर में पोछा लगाने से नेगेटिविटी आती है। गुरुवार का दिन श्रद्धा, संयम, पूजा और दान का है। इस दिन यदि भक्ति-भाव, श्रद्धा और विश्वास के साथ ये आसान से नियम अपना लिए जाएं, तो भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा और आशीर्वाद मिलता है। साथ ही भक्त को सुख, शांति और समृद्धि मिलती है।
गुरुवार व्रत या कोई भी तीज-त्यौहार या शुभ दिन हो, उस दौरान ब्रह्मचर्य का पूर्णतः पालन करना चाहिए। व्रत वाले दिन कामुकतापूर्ण व्यवहार करना बेहद अशुभ होता है। इससे व्रत का पूण्य नहीं मिलता और नेेगेटिविटि आती है। ऐसे में ब्रह्मचर्य का पालन इन दिनों में जरूर करना चाहिए। इससे आध्यात्मिक उन्नति और भौतिक तरक्की दोनों मिलती है।
Published on:
18 Dec 2025 07:21 am
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