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इन 9 राशि वालों को मनचाही चीज देती हैं मां लक्ष्मी, स्तुति में छुपा है आसान तरीका

माता लक्ष्मी 9 राशि वालों पर खास कृपा करती है। इस लेख में पढ़िए, किन 9 राशि वालों को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद जल्दी मिलता है और क्यों?

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भारत

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Adarsh Thakur

Dec 18, 2025

Mata Lakshmi Worship According to Rashi

SHukravar Mata Lakshmi ke Upay: मां लक्ष्मी इन 9 राशियों पर करती है खूब कृपा। (Image: Gemini AI)

Shukrawar ke Upay: माता लक्ष्मी बहुत ही कृपामयी होती हैं। माना जाता है कि, अपने भक्तों से प्रसन्न होने पर उनकी सारी मनोकामनाएं मां पूरी कर देती हैं। धर्म विशेषज्ञों के अनुसार, लक्ष्मी स्तुति के नियमित पाठ से मां खुश होती हैं। मां अपने हर भक्त पर समान भाव से कृपा करती हैं...लेकिन मान्यता है कि, कुछ राशियों के जातकों से मां जल्दी प्रसन्न होती हैं। इस लेख में हम उन्हीं 9 राशियों के बारे में बता रहे हैं, जिन पर मां खूब कृपा करती हैं। साथ ही लक्ष्मी स्तुति (Lakshmi Stuti Lyrics in Hindi) भी दे रहे हैं, ताकि इसका नियमित और खासकर शुक्रवार के दिन पाठ कर आप मां का आशीर्वाद आसानी से पा सकें। बस ध्यान रखें कि, पाठ करते वक्त आपका पूर्ण विश्वास, समर्पण और सच्ची श्रद्धा मां के प्रति हों।

इन 9 राशियों पर रिझती हैं मां लक्ष्मी

वृषभ (Taurus): मां लक्ष्मी की सबसे प्रिय राशि वृषभ मानी जाती है। इसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं, जो धन और वैभव के प्रतिनिधि हैं। ये जातक मेहनती होते हैं और इन्हें खूब धन-समृद्धि मिलती है।

कर्क (Cancer): इमोशनल और सेंसिटिव होते हैं। इनका दया भाव और रचनात्मकता इन्हें पैसे कमाने के अवसर देती है।

सिंह (Leo): धार्मिक, हिम्मत वाले और मेहनती होते हैं। लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से इन्हें सुख-सुविधाएं मिलती हैं।

वृश्चिक (Scorpio): एनर्जेटिक, जुनूनी और मेहनती होते हैं। इन्हें पैसों की कमी महसूस नहीं होती।

धनु (Sagittarius): लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है। आत्मबल और मां की कृपा से सफलता पाते हैं।

कन्या (Virgo): मेहनत और समझदारी से कामयाबी हासिल करते हैं। कार्यक्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन से धनवान बनते हैं।

तुला (Libra): दृढ़-निश्चयी और न्यायप्रिय होते हैं। मेहनत से धन और समृद्धि पाते हैं।

मीन (Pisces): करुणामय, आध्यात्मिक और सहनशील स्वभाव के होते हैं। इनके पास पर्याप्त धन होता है। ये सही दिशा में प्रयास करने पर कामयाब होते हैं।

कुंभ (Aquarius): धन-संपत्ति पाने में कुशल होते हैं। सही कोशिश से बड़े लाभ पाते हैं।

शास्त्रों के अनुसार...मां लक्ष्मी, जो भी भक्त सच्चे मन और पूरे विश्वास से भक्ति करता है, उस पर कृपा करती हैं। पूर्ण श्रद्धा से मां की आराधना करने पर बाकी की तीन राशि (मेष, मिथुन,मकर) के लोगों को भी मां धन, सुख और वैभव का आशीर्वाद देती हैं। बस सही दिशा में पूरी लगन के साथ लगातार प्रयास करते रहना जरूरी है।

महालक्ष्मी स्तु‍ति | Laxmi stuti Path Hindi Lyrics

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।1।।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।2।।
विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।3।।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।4।।
धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।5।।
मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।6।।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।7।।
धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।8।।
जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।9।।
भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।10।।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।11।।
आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।12।।
सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।13।।
सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।14।।
साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।15।।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।16।।
सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।17।।

शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।
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