.राज्य भर में लगातार होती बारिश से जर्जर इमारतें काल का गाल बन रही हैं। नित रोज कहीं न कहीं कोई घटना सामने आ रही हैं जिसमें माल के साथ जान की भी हानि हो रही है। धौलपुर शहर से लेकर जिले भर में भी सैकड़ों ऐसी इमारतें हैं जो कि जर्जर हालत में हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन इन इमारतों को जमींदोज करने की कार्रवाई नहीं कर सका है।
-पुराना शहर सब्जी गली स्थित इमारत की हालत दयनीय, लोगों में भय व्याप्त
-बारिश के दौरान इमारत का एक हिस्सा हुआ धराशायी
-प्रशासन और परिषद जर्जर इमारतों की ओर नहीं दे रहे ध्यान
धौलपुर.राज्य भर में लगातार होती बारिश से जर्जर इमारतें काल का गाल बन रही हैं। नित रोज कहीं न कहीं कोई घटना सामने आ रही हैं जिसमें माल के साथ जान की भी हानि हो रही है। धौलपुर शहर से लेकर जिले भर में भी सैकड़ों ऐसी इमारतें हैं जो कि जर्जर हालत में हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन इन इमारतों को जमींदोज करने की कार्रवाई नहीं कर सका है।
भारी बारिश में जर्जर भवन ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। शनिवार को जयपुर में हुए हादसे के बाद तो जर्जर भवनों को जमींदोज करने की चर्चाएं फिर तेज हो गई हैं, लेकिन निकायों का ध्यान इस और कतई नहीं है, और लोग अपनी जान गवा रहे हैं। पुराना शहर स्थित सब्जी गली में एक बहु मंजिला इमारत जर्जर हालत में पहुंच चुकी है। जिसका एक हिस्सा बीते दिन बारिश के दौरान ढह गया। गनीमत रही कि इस दौरान जान-माल की हानि नहीं हुई, हालांकि इसकी चपेट में आने से एक दो लोग जरूर घायल हो गए। इमारत काफी पुरानी बताई जाती है। इस इमारत में ८-१० लोगों का एक परिवार भी निवास करता है, जो कभी भी गंभीर हादसे का शिकार हो सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह इमारत बाजार के बीचों बीच घनी आबादी में है साथ ही इसके पास में एक स्कूल भी संचालित होता है। स्कूल में आने जाने वाले बच्चों को डरे सहमे इसी रास्ते से होकर आना जाना पड़ता है। तो वहीं स्थानीय वासी भी सदा डर के साए में रहने को मजबूर हैं।
लिखित में दी शिकायत पर कार्रवाई नहीं
स्थानीय वासियों ने बताया कि इमारत की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। जिसका एक हिस्सा गत दिनों बारिश के दौरान सब्जी गली की तरफ ढह गया। भवन का एक हिस्सा ढहने के दौरान कुछ लोग भी उसकी चपेट में आने से घायल हो गए थे। इमारत से मिट्टी पत्थर के कण गिरते रहते हैं। जर्जर भवन की शिकायत स्थानीय लोगों ने प्रशासन से लिखित में भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन का ध्यान इस ओर कतई नहीं है। जिस कारण स्थानीय वासियों सहित भवन के आसपास से गुजरे वाले राहगीरों को भी ढर के साए में आना जाना पड़ता है।
इमारत के पास स्कूल,डर के साए में बच्चे
पुराना शहर के सब्जी गली स्थित यह जर्जर इमारत काफी पुराना है। सबसे बड़ी बात यह है कि इमारत के पास ही एक स्कूल का संचालन होता है। जिसमें ४०० बच्चे अध्ययन करते हैं। स्कूल तक पहुंचने के लिए नौनिहालों को जर्जर इमारत की तरफ से ही आना जाना पड़ता है। इमारत का एक हिस्सा धराशायी होने से बच्चों में भी अब भय व्याप्त हो गया है। जिस कारण बच्चे भी डर के साए में उक्त रास्ते का उपयोग करते हैं।
नगर परिषद ने करार्या जर्जर इमारतों का सर्वे
झालावाड हादसे के बाद जागी सरकार के आदेश के बाद सभी निकायों में ऐसे जर्जरों भवनों का सर्वे कराया गया। धौलपुर में भी नगर परिषद ने जर्जर और अति जर्जर भवनों का सर्वे कराया है। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा भवन अति जर्जर हालत में बताए जा रहे हैं। जिन्हें परिषद जल्द ही गिराने की कार्रवाई कर सकता है। इसके अलावा जर्जर भवनों को भी परिषद ने चिह्नित किया है।
जर्जर और अति जर्जर इमारतों का सर्वे करा लिया गया है। जल्द ही ऐसे भवनों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी जो गिरने की हालत में हैं। जिससे जान और माल की हानि न हो।
-अशोक शर्मा आयुक्त नगर परिषद
इमारत जर्जर हालत में है। अत्यधिक वर्षा होने के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। प्रशासन से लिखित में शिकायत करने के बाद भी आज तक इसका कोई भी निस्तारण नहीं हुआ। न किसी को कोई नोटिस दिया गया न प्रशासन ने कोई देखने भी आया। स्थानीय वासी सदा डर के साए में रहने को मजबूर हैं।
-रामू शर्मा, पूर्व पार्षद
12 सितंबर, 2024: धौलपुर के गोगली गांव में लगातार बारिश के कारण एक पक्का मकान ढह गया। इस हादसे में एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई और परिवार के 8 लोग घायल हुए।
26 अप्रैल, 2024: धौलपुर के सागर पाड़ा मोहल्ले में एक मकान का छज्जा गिर गया था, जिसमें दो भाइयों का झगड़ा देख रहे एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे।
18 जुलाई, 2025: धौलपुर के राजाखेड़ा में एक पुराने मकान का छज्जा गिरने से दो चचेरी बहनें घायल हो गई थीं, जिनमें से एक की हालत गंभीर थी।
2024: -सैंपऊ उपखंड के बाला का नगला गांव में एक विधवा महिला सोनदेवी कुशवाह के मकान की 40 फीट लंबी दीवार पानी और सीलन के कारण गिर गई थी।
2024: धौलपुर में बारिश के दौरान एक कच्चे मकान के ढहने से परिवार के सदस्य घायल हुए थे। तो एक अन्य मामले में घर की दीवार गिरने से एक विधवा घायल हो गई थी।