राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 123 पर सोमवार रात बस ने सडक़ किनारे खड़े ५३ वर्षीय अधेड़ कम्मोद सिंह को टक्कर मार दी। जिसमें वह गंभीर घायल हो गया। सूचना पर उसे जिला अस्पताल ले गए, हालत गंभीर होने पर उसे रैफर कर दिया। बाहर ले जाते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। अधेड़ रात में आगरा गई बारात में शामिल होकर वापस लौटा था और सडक़ किनारे खड़ा था।
- बारात में शामिल होकर वापस घर लौटने का खड़ा था अधेड़
- एनएच 123 पर कदमखंडी मंदिर के पास की घटना
dholpur, सैंपऊ. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 123 पर सोमवार रात बस ने सडक़ किनारे खड़े ५३ वर्षीय अधेड़ कम्मोद सिंह को टक्कर मार दी। जिसमें वह गंभीर घायल हो गया। सूचना पर उसे जिला अस्पताल ले गए, हालत गंभीर होने पर उसे रैफर कर दिया। बाहर ले जाते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। अधेड़ रात में आगरा गई बारात में शामिल होकर वापस लौटा था और सडक़ किनारे खड़ा था।
जानकारी के अनुसार उपखंड क्षेत्र के गांव परौआ से एक बारात आगरा खंदोली के लिए गई थी। ाबारात में कम्मोद सिंह पुत्र रामजीलाल ब्राह्मण निवासी परौआ हाल निवासी सीओ ऑफिस के सामने सैंपऊ भी गया था। सोमवार देर रात बारात गांव के लिए वापस लौटी, इसी दरमियान करीब रात 11.15 बजे कम्मोद अपने साथी अमर सिंह के साथ हाइवे संख्या 123 पर कदमखंडी मंदिर के पास उतर गया और रोड पार कर घर जाने के लिए फुटपाथ पर खड़ा हो गया। इस बीच धौलपुर की तरफ से आ रही वीडियो कोच बस ने टक्कर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। साथी ने घटना की सूचना एंबुलेंस को सूचना दी। जिस पर उसे सीएचसी और फिर धौलपुर ले गए। धौलपुर से भी गंभीर हालात को देखते हुए हायर सेंटर रैफर कर दिया। आगरा ले जाते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतक के शब को देर रात पुलिस ने सीएचसी की मोर्चरी में रखवा कर परिजनों को सूचना दी। मंगलवार सुबह परिजनों की दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने मर्ग दर्ज कर पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। अचानक हुई घटना से परिवार में कोहराम मच गया। उधर, थाना प्रभारी प्रमेन्द्र रावत ने बताया कि परिजनों को शव सौंप दिया है और मामले की जांच की जा रही है।
रात में दौड़ती है तेज रफ्तार
एमपी और धौलपुर से रात में जयपुर के लिए कई बसें सैंपऊ से भरतपुर होकर निकलती हैं। कुछ दिन पहले परिवहन विभाग की सख्ती के बाद कई बसें बंद हो गई थी। लेकिन अब यह वापस शुरू हो गई हैं। ये बसें जयपुर जल्दी पहुंचने के लिए तेज दौड़ती हैं।