एमपी और यूपी सीमा के नजदीक बसे पूर्वी राजस्थान के धौलपुर शहर की भूगौलिग स्थिति किसी विभाग के लिए चुनौती है तो किसी के लिए मुफीद है। देश का सबसे पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 भी इसी धौलपुर जिले की सीमा से गुजरता है। इसी हाइवे पर कुछ समय से बिना नम्बर के भारी वाहन दौड़ रहे हैं। एक-दो नहीं कतार लग जाता है रात के समय...। विशेष बात ये है पुलिस, परिवहन विभाग की निगाहें होने के बाद भी डस्ट और गिट्टी से लदे यह डंपर और ट्रक आसानी से हाइवे होते हुए यूपी के पड़ोसी शहर आगरा में प्रवेश कर जाते हैं।
- एमपी सीमा से घुसते हैं राजस्थान मेें फिर सरपट यूपी में प्रवेश
- शाम होते ही शुरू होते हैं खनिज सामग्री लदे डंपर व ट्रक
- पुलिस और न ही परिवहन विभाग इन्हें देख रहा
धौलपुर. एमपी और यूपी सीमा के नजदीक बसे पूर्वी राजस्थान के धौलपुर शहर की भूगौलिग स्थिति किसी विभाग के लिए चुनौती है तो किसी के लिए मुफीद है। देश का सबसे पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 भी इसी धौलपुर जिले की सीमा से गुजरता है। इसी हाइवे पर कुछ समय से बिना नम्बर के भारी वाहन दौड़ रहे हैं। एक-दो नहीं कतार लग जाता है रात के समय...। विशेष बात ये है पुलिस, परिवहन विभाग की निगाहें होने के बाद भी डस्ट और गिट्टी से लदे यह डंपर और ट्रक आसानी से हाइवे होते हुए यूपी के पड़ोसी शहर आगरा में प्रवेश कर जाते हैं। खनिज सामग्री लेकर आ रहे यह डंपर रवन्ना लेकर आते हैं लेकिन नम्बर प्लेट इन पर नहीं लगी होती हैं। यह खनिज सामग्री लेकर पड़ोसी प्रदेश एमपी के ग्वालियर जिले से लेकर आते हैं और बड़ी संख्या में धौलपुर शहर से होते हुए निकल जाते हैं। हालांकि, नाकाबंदी में कुछ वाहनों पर जुर्माने की कार्रवाई होती है लेकिन यह ऊंट के मुंह मे जीरे के सामान हैं।
दिहौली और राजाखेड़ा मार्ग खासा पसंद...
एमपी से आ रहे इन भारी वाहनों को दिहौली, राजाखेड़ा और मनियां थाना इलाका काफी मुफीद है। रात्रि के समय खनिज लदे यह वाहन एमपी सीमा से घुसने के बाद राजाखेड़ा बाइपास से होते हुए दिहौली थाने के सामने से निकलते हैं। यहा से कुछ मनियां और ज्यादातर राजाखेड़ा शहर में से पड़ोसी आगरा जिले की इरादतनगर समेत अन्य रास्तों में प्रवेश कर जाते हैं।
एनएच 44 पर यहां-यहां पर प्वाइंट्स
चंबल पुल से निकलते ही सबसे पहले कोतवाली थाने की सागरपाडा चौकी है। इसके निकलके बाद निहालगंज थाने का इलाका, फिर सदर थाना धौलपुर से वाहन गुजरते हैं। इसके बाद शहर सर्किल समाप्त होने के बाद मनियां थाना और फिर यूपी बॉर्डर से पहले बरैठा चौकी से निकलते हुए आगरा जिले में प्रवेश कर जाते हैं। बीच रास्ते में परिवहन विभाग के उडऩ दस्ते और पुलिस की पेट्रोलिंग गश्त अलग से हैं। वहीं, शाम 7 से 11 बजे तक पुलिस की शहरी क्षेत्र में विशेष चैकिंग के बाद भी बिना नम्बर प्लेट लगे वाहन निकल जाते हैं।
नाकाबंदी के दौरान भी नहीं थमते...
विशेष बात ये है कि इन वाहनों पर नाकाबंदी का खास असर नहीं है। यह आसानी से निकल जाते हैं। पुलिस केवल बजरी लदे वाहनों पर निगाह रखती हैं। अधिकारी कहते हैं कि डस्ट और गिट्टी वाहन वाहन रवन्ना लेकर निकलते हैं। लेकिन यह वाहन नम्बर प्लेट नहीं लगाते है, यह रहस्य है। दो वजह सामने हैं, हादसे के समय आसानी से निकल जाना और ओवरलोडिंग में वाहन का नम्बर नहीं आने से जुर्माने से बच निकलना। वहीं, पुलिस परिवहन विभाग का मामला बताती है। जबकि प्रवेश सबसे पहले पुलिस की सागरपाडा चौकी के सामने से ही निकलते हैं। जबकि इस चौकी पर आएदिन रात्रि नाकाबंदी होती है।
- टीम लगातार जांच करती हैं। बिना नम्बर प्लेट्स के बड़े वाहन निकल रहे है तो अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- गौरव यादव, जिला परिवहन अधिकारी, धौलपुर
- बिना नम्बर प्लेट्स के गाड़ी निकल रही है तो गंभीर है। डंपर समेत सभी वाहनों की जांच हो रही है। मुख्यतय परिवहन विभाग का मामला है। अगर इसमें लापरवाही बरती जा रही है तो एक्शन लिया जाएगा।
- विकास सांगवान, पुलिस अधीक्षक धौलपुर