बाड़ी उपखंड के जंगलों में वन्यजीवों की गणना के लिए वन विभाग की ओर से 24 घंटे का विशेष अभियान चलाया। यह गणना बुधवार सुबह 8 बजे से गुरुवार सुबह 8 बजे तक वाटर होल पद्धति से की गई। वन विभाग ने चार रेंजों में कुल 25 टीमों का गठन किया। इनमें चंबल धौलपुर रेंज, वन विहार रेंज और सेवर रेंज में 19 टीम एवंं सरमथुरा रेंज में 6 टीम तैनात की गईं।
4 रेंज में 25 टीम ने वाटर होल पद्धति से की गणना
dholpur, बाड़ी उपखंड के जंगलों में वन्यजीवों की गणना के लिए वन विभाग की ओर से 24 घंटे का विशेष अभियान चलाया। यह गणना बुधवार सुबह 8 बजे से गुरुवार सुबह 8 बजे तक वाटर होल पद्धति से की गई। वन विभाग ने चार रेंजों में कुल 25 टीमों का गठन किया। इनमें चंबल धौलपुर रेंज, वन विहार रेंज और सेवर रेंज में 19 टीम एवंं सरमथुरा रेंज में 6 टीम तैनात की गईं। सभी टीमें निर्धारित स्थानों पर बने स्पॉट पर गणना के लिए पहुंचीं। वन विहार के रेंजर दीपक मीणा ने बताया कि इस बार की गणना एक माह देर से हुई। इसके पीछे दो कारण थे। इसमें पहला वैशाख मास में बुद्ध पूर्णिमा के समय हुई बारिश से जंगल में जगह-जगह पानी जमा हो गया था। दूसरी वजह भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति थी। ऐसे में गणना को एक महीने स्थगित किया गया।
गणना के दौरान वन कर्मियों को जंगल में लेपर्ड, हिरण और सियार देखने को मिले। सरमथुरा रेंज में बाघों की उपस्थिति भी दर्ज की गई। यहां दो वयस्क बाघों के साथ तीन शावक भी सक्रिय हैं। अब सभी टीमें अपने आंकड़े संबंधित रेंज कार्यालय में जमा कराएंगी। वहां से समेकित डेटा जिला मुख्यालय भेजा जाएगा। डीएफओ कार्यालय से वन्य जीवों की संख्या का अंतिम आंकड़ा दो दिन में जारी किया जाएगा।