यह सिर्फ एक यात्रा ही नहीं बल्कि तपस्या और समर्पण की मिशाल भी हैकरंजिया ञ्च पत्रिका. श्री निरंजनी अखाड़ा के धर्मराज पुरी महाराज इन दोनों एक अनोखी नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं। बताया गया कि करंजिया में इन दिनों संत चर्चा का विषय बने हुए हैं जिन्हें लोगों ने हाथों के बल चलकर माँ नर्मदा […]
यह सिर्फ एक यात्रा ही नहीं बल्कि तपस्या और समर्पण की मिशाल भी है
करंजिया ञ्च पत्रिका. श्री निरंजनी अखाड़ा के धर्मराज पुरी महाराज इन दोनों एक अनोखी नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं। बताया गया कि करंजिया में इन दिनों संत चर्चा का विषय बने हुए हैं जिन्हें लोगों ने हाथों के बल चलकर माँ नर्मदा की परिक्रमा करते हुए देखा। इस तरह से संत लगभग 3500 किलोमीटर की यह कठिन यात्रा पूरी करेंगे। धर्मपुरी महाराज नाम के इस संत ने यह इस तरह की यात्रा का संकल्प लेकर दशहरा के दिन अमरकंटक में नर्मदा के उद्गम स्थल से परिक्रमा शुरू की थी। भारत की पवित्र नदियों में नर्मदा ही एक ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ की जाती है। कोई पैदल चलकर परिक्रमा करता है तो कोई दंडवत होकर, तो कोई वाहन से यह कठिन यात्रा पूरी करता है। लेकिन धर्मपुरी महाराज का संकल्प इन सब से अलग और असाधारण है वे पूरी परिक्रमा हाथों के बल पूरी कर रहे हैं। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि तपस्या और समर्पण की मिसाल है। उनकी अद्भुत परिक्रमा देखकर लोग भी श्रद्धा और आश्चर्य से भर उठते हैं। स्थानीय श्रद्धालु कृष्णलाल बताते हैं कि धर्मपुरी महाराज को देखकर मन में भक्ति और आस्था का संचार हो जाता है। उनकी तपस्या वास्तव में प्रेरणादायक है।