डूंगरपुर जिले में 17 सितंबर से 02 अक्टूबर 2025 तक गांव चलो अभियान का आयोजन किया जाएगा। अभियान के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान का संचालन किया जाएगा।
डूंगरपुर: प्रदेश सरकार द्वारा गांव चलो अभियान का आयोजन जिले में 17 सितंबर से 02 अक्टूबर 2025 तक होंगे। अभियान के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान का संचालन किया जाएगा।
ग्राम सेवा शिविर के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नोडल अधिकारी एवं जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी, सह नोडल अधिकारी साथ ही संबंधित क्षेत्र के ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी और शिविर प्रभारी रहेंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विपिन मीणा ने बताया कि शिविर में आने वाले रोगियों को आवश्यक उपचार एवं परामर्श के साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर की आवश्यकतानुसार जांच की जाएगी। मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए एक दिवस पूर्व सर्वे टीम गठित कर संबंधित ग्राम पंचायत में एंटी लार्वा गतिविधियां की जाएगी।
आशा सहयोगिनी द्वारा 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की बीएमआई, बीपी, शुगर और कॉमन कैंसर की जांच कर एनसीडी पोर्टल पर डेटा इन्द्राज किया जाएगा। बीपी एवं शुगर की जांच में पॉजिटिव पाए। फॉलोअप पर आने वाले मरीजों का नियमानुसार उपचार कर आभा आईडी के माध्यम से एनसीडी पोर्टल पर डेटा इन्द्राज करते हुए रोग से बचाव के लिए जीवन शैली में परिर्वतन के लिए सलाह दी जाएगी। महिला स्वास्थ्य जांच के दौरान महिलाओं एवं किशोरियों की भी बीपी, शुगर, हिमोग्लोबिन, वजन और बीएमआई के साथ-2 ओरल, ब्रेस्ट, सर्वाइकल कैंसर, टीबी एवं सिकल सेल रोग की भी स्क्रीनिंग की जाएगी।
गर्भवती महिलाओं का 12 सप्ताह से पूर्व पंजीकरण एवं प्रसव पूर्व चार जांच, आईएफए गोली, कैल्शियम की गोली देते हुए हीमोग्लोबिन ब्लड प्रेशर वजन आदि की जांच, सभी गर्भवती महिलाओं का टीडी टीकाकरण एवं प्रथम तिमाही में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की जांच एवं चिन्हीकरण, सभी एएनएम एवं आशा सहयोगिनी क्षेत्र में भ्रमण कर ड्यू लिस्ट तैयार करेंगे। इसके आधार पर जांच होगी।
-क्षेत्र के सभी शिशुओं का टीकाकरण करवाया जाएगा। एएनएम, आशा सहयोगिनी क्षेत्र में भ्रमण कर ड्यू लिस्ट तैयार करेंगी। वंचित शिशुओं को उपस्थित होने के लिए परिवारजनों को प्रेरित करेंगे।
-टीबी के संभावित लक्षणों वाले रोगियों की आशा, एएनएम एवं सीएचओ के माध्यम से चिह्नित करते हुए उनकी आवश्यक नॉट जांच के लिए स्पोटम सैंपल लिए जाएंगे।