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Rajasthan: घर के आंगन में अचानक घुसा पैंथर, दहाड़ सुन गांव में मची अफरा-तफरी, ऐसे किया गया रेस्क्यू

Dungarpur Panther: पैंथर सुबह तड़के सुरेंद्र मीणा के मकान की पतली गली से भीतर घुस गया। उस समय घर में उनका भतीजा नरेश मीणा सो रहा था।

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Dungarpur Panther

घर में चारपाई के नीचे बैठा पैंथर (फोटो-पत्रिका)

डूंगरपुर। जिले के साबला थाना क्षेत्र के नवाटापरा गांव में रविवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब शिकार की तलाश में एक पैंथर सीधे एक मकान के आंगन में घुस आया। अचानक शेर जैसी दहाड़ सुनकर लोग घरों से बाहर भागे और मौके पर अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी।

जानकारी के अनुसार, पैंथर सुबह तड़के सुरेंद्र मीणा के मकान की पतली गली से भीतर घुस गया। उस समय घर में उनका भतीजा नरेश मीणा सो रहा था। आंगन में पैंथर को देख ग्रामीणों ने शोर मचाकर नरेश को बाहर निकाला। इस दौरान पैंथर ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन दीवार ऊंची होने के कारण वह बाहर नहीं जा सका। वहीं बीमार और भूखा होने के चलते उसके अंदर छलांग लगाने की ताकत भी नहीं बची थी।

टीम के पास नहीं था पिंजरा

सूचना पर सुबह करीब छह बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन पिंजरा उपलब्ध न होने से टीम को करीब ढाई घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सुबह साढ़े आठ बजे सागवाड़ा से पिंजरा आने के बाद रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ। वनकर्मियों ने पहले रस्सियों से पैंथर के पैर बांधे और फिर तिरपाल व लकड़ी की मदद से उसे नियंत्रित किया। इसके बाद सावधानीपूर्वक उसे पिंजरे में बंद किया गया।

4 घंटे बाद पकड़ा गया पैंथर

करीब चार घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। इस दौरान गांव के सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए और पूरे घटनाक्रम को देखते रहे।

भूखा होने की वजह से गांव में घुसा

आसपुर वन क्षेत्रीय अधिकारी सोनम मीणा ने बताया कि पैंथर की उम्र करीब ढाई साल है। वह बीमार और भूखा लग रहा है, जिसके चलते ही वह बस्ती की तरफ आया होगा। उसे फिलहाल साबला नर्सरी में पिंजरे में रखा गया है, जहां पशु चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज कराया जा रहा है।

गांव वालों ने कहा भयावह अनुभव

गांववालों का कहना है कि पैंथर को अपने आंगन में देखना भयावह अनुभव था। हालांकि वन विभाग की तत्परता से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।