मनरेगा योजना में श्रमिक उपस्थिति एनएमएमएस के माध्यम से दर्ज की जाती है। इसकी मॉनिटरिंग में ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर गड़बड़ियां बढ़ रही हैं।
वरुण भट्ट
MGNREGA: राजस्थान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) योजना में श्रमिक अवकाश के दिन यानी गुरुवार को भी काम कर रहे हैं। श्रमिकों के मंजूर कार्य स्थल पर कार्य करने के बाद फोटो भी ऑनलाइन उपस्थिति के साथ अपलोड की जा रही है। इस कारस्तानी की पोल मनरेगा का नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) खोल रहा है, जिसमें 22 जिलों में 21 व 28 नवंबर गुरुवार को अवकाश दिवस पर मस्टररोल जारी करने के साथ श्रमिकों की उपस्थिति का उल्लेख है।
28 नवंबर की रिपोर्ट में 115 कार्य, 394 मस्टररोल एवं 1609 मानव दिवस सृजन बता रखा है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर में अवकाश दिवस पर श्रमिकों का नियोजन बताया गया। बांसवाड़ा की सियापुर, रामगढ़, मादलदा में 4 काम के 10 मस्टररोल, 73 मानव दिवस, डूंगरपुर की मालाखेड़ा में 4 काम, 16 मस्टररोल, 10 मानव दिवस का उल्लेख है। 28 नवंबर को गढ़ी पंचायत समिति में 2 कार्य, 14 मस्टररोल व 121 मानव दिवस बता रखे हैं।
केस 1-बांसवाड़ा जिले की गढ़ी पंचायत समिति की ग्राम पंचायत आसोडा में 28 नवम्बर को आसोडा वितरिका की आरडी 0 से 4 किमी सिस्टम की सफाई व सिल्ट कार्य में 10 श्रमिकों का उल्लेख है।
केस 2- अजमेर की स्यार ग्राम पंचायत में चारागाह विकास व मेड़बंदी कार्य स्यार में 10 श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की गई है। ऐसे हालात यहां पूर्व में भी सामने आ चुके हैं।
केस 3- डूंगरपुर में ग्राम पंचायत बोसी में ग्रेवल सड़क मय पुलिया निर्माण जाबू वेला से माना वेला के घर तक। अवकाश दिवस पर दस श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की गई।
योजना में श्रमिक उपस्थिति एनएमएमएस के माध्यम से दर्ज की जाती है। इसकी मॉनिटरिंग में ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर गड़बड़ियां बढ़ रही हैं। कार्य स्थल पर फोटो में प्रदर्शित श्रमिक संख्या एवं उस दिवस की मस्टररोल पर दर्ज श्रमिक उपस्थिति बराबर नहीं होने, एक ही फोटो को अलग-अलग मस्टररोल में बार-बार अपलोड करने, मस्टररोल पर श्रमिक उपस्थिति दर्ज होने के बावजूद खाली स्थान की फोटो अपलोड करने जैसी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।