दुर्ग

CG News: निगम का कमाल, बांध के अंदर बनवा दिया अमृत सरोवर, समतल सतह खोदकर बना दिया खाई…

नगर निगम ने अमृत सरोवर निर्माण के नाम पर ठगड़ाबांध के भीतर मुरुम खनन और परिवहन के लिए एनओसी जारी किया है। इ

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Aug 27, 2024

CG News: बांध के भीतर अमृत सरोवर का निर्माण… सुनने में यह बेतुका जरूर लग सकता है, लेकिन दुर्ग नगर निगम प्रशासन ने यह कमाल कर दिखाया है। यह हकीकत नगर निगम के दस्तावेज से यह सामने आया है। दरअसल नगर निगम ने अमृत सरोवर निर्माण के नाम पर ठगड़ाबांध के भीतर मुरुम खनन और परिवहन के लिए एनओसी जारी किया है। इसी एनओसी के आधार पर भारत माला परियोजना का काम कर रही एजेंसी को खनिज विभाग ने अनुमति दी। एजेंसी ने मुरुम की खुदाई कर परिवहन भी कर लिया और अब अनुमति की मियाद भी खत्म हो चुकी है।

गौरतलब है कि भारत माला परियोजना के तहत जिले में अंजोरा दुर्ग से पाटन के सिपकोन्हा तक सिक्सलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण का ठेका मेहरोत्रा बिल्डकॉन प्रायवेट लिमिटेड के पास है। एजेंसी का अस्थायी कार्यालय थनौद में स्थित है। नगर निगम ने उक्त कंपनी को यह एनओसी दिया है। 30 मई 2024 में दिए गए एनओसी से नगर निगम के जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे केंद्र सरकार की योजना के नाम पर जनता की आंखों में धूल झोंकने के बड़े खेल का खुलासा हुआ है। एनओसी में भारत माला परियोजना और उक्त कंपनी के नाम के साथ ठगड़ा बांध के गहरीकरण कर मिट्टी परिवहन व अमृत सरोवर निर्माण का जि₹ करते हुए आपत्ति नहीं होने की बात कही गई है।

इस तरह समझिए खेल को

न्यायालय पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए मुरुम खनन पर रोक लगा रखी है। इसके चलते जिले में एक भी मुरुम खनन की स्वीकृति नहीं है। ऐसे में सीधे तौर पर गहरीकरण के नाम पर एनओसी नहीं दिया जा सकता था। इसलिए संभावित आपत्ति की स्थिति में बचाव की रणनीति के तहत इसे केंद्र की अमृत सरोवर योजना से जोड़ दिया गया है।

माइनिंग ने दी केवल परिवहन की अनुमति

नगर निगम के एनओसी में गहरीकरण के साथ मिट्टी परिवहन का जिक्र है, लेकिन माइनिंग विभाग ने निगम की गलती में सुधार करते हुए केवल मुरुम परिवहन की अनुमति जारी किया। हालांकि ठगड़ा बांध में कोई भी मुरुम पहले से भंडारित नहीं था। अनुमति से पहले ही माइनिंग ने ही उसी एजेंसी के पर बांध के भीतर अवैध मुरुम के मामले में कार्रवाई भी की थी।

बांध को खोदकर बना दिया खाई

खनिज विभाग द्वारा भले ही अनुमति केवल मुरुम परिवहन के लिए दिया गया, लेकिन एजेंसी ने बांध के भीतर कई फीट गहरी खुदाई कर खाई बना दिया है। इससे ठगड़ा बांध की समतल तल अब उबड़-खाबड़ हो गया है। बताया जा रहा है कि मुरुम खुदाई के कारण उक्त एरिया में अब बोटिंग भी संभव नहीं होगा।

बांध के भीतर खुदाई पहले ही प्रतिबंधित

पर्यावरण के नियमानुसार किसी भी बांध अथवा जलाशय के भीतर ऐसी खुदाई अथवा कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता, जिससे स्वरूप में बदलाव हो अथवा जलभराव की स्थिति प्रभावित हो। एनजीटी ने भी इस पर रोक लगा रखी है। खुदाई से इस नियम का उल्लंघन हुआ है, लेकिन जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है। बताया जा रहा है कि खुदाई से बांध के बंड पर अतिरिक्त दबाव व रिसाव की शिकायत बढ़ सकती है।

केंद्र सरकार ने अप्रैल 2022 में अमृत सरोवर योजना शुरू की है। इसका मकसद भविष्य के लिए जल संरक्षण करना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है। इसके तहत हर जिले में कम से कम 75 तालाब विकसित करना है। योजना में जनभागीदारी से जल निकायों से मिट्टी निकालकर जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जाना है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के लिए है।

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Updated on:
27 Aug 2024 07:04 pm
Published on:
27 Aug 2024 06:59 pm
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