दुर्ग

Durg Nagar Nigam: निगम के 800 कर्मियों का वेतन अटका, नाराज लोगों ने काम बंद कर किया प्रदर्शन, चरमराई व्यवस्था…

Durg News : दुर्ग नगर निगम अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है। इससे नाराज निगम के 800 चतुर्थ श्रेणी (सफाई) कर्मियों ने मंगलवार को सफाई छोड़कर निगम कार्यालय का घेराव किया।

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Aug 14, 2024

Durg News : दुर्ग नगर निगम अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है। इससे नाराज निगम के 800 चतुर्थ श्रेणी (सफाई) कर्मियों ने मंगलवार को सफाई छोड़कर निगम कार्यालय का घेराव किया। हालांकि जल्द भुगतान के आश्वासन पर कर्मचारी लौट गए, लेकिन समय पर भुगतान नहीं होने पर काम बंद कर आंदोलन की चेतावनी दी है। बता दे निगम का 384 करोड़ रुपए सालाना बजट होने के बाद भी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा।

जानकारी के अनुसार नियमित, संविदा, प्लेसमेंट व सफाईकर्मियों को मिलाकर करीब 1200 अधिकारी-कर्मचारी सेवारत हैं। इन्हें वेतन भुगतान के लिए हर माह करीब 3 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ती है। नगर निगम प्रशासन द्वारा टैक्स वसूली से प्राप्त राशि से अधिकारियों व कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जाता है। नगर निगम द्वारा टैक्स वसूली का काम अपने हाथ में लिए जाने के बाद राजस्व वसूली की गति धीमा पड़ गई है। इसके चलते निगम के पास भुगतान के लिए पर्याप्त राशि जमा नहीं हो पा रही है। लिहाजा कर्मियों को वेतन भुगतान में दिक्कत हो रही है।

जल्द वेतन भुगतान का दिलाया भरोसा

मोर्चा लेकर निगम कार्यालय पहुंचे कर्मियों की व्यथा सुनने वाला भी कोई नहीं था। लिहाजा कर्मचारियों ने कमिश्नर के सहायक व सहायक राजस्व अधिकारी शुभम को मांग पत्र सौंपा। सहायक ने कमिश्नर की ओर से जल्द वेतन भुगतान का भरोसा दिलाया। इसके बाद कर्मचारी ज्ञापन सौंपकर लौट गए।

7 को भुगतान का है नियम

राज्य शासन द्वारा कर्मियों को हर माह अधिकतम 7 तारीख तक वेतन भुगतान का नियम बनाया गया है, लेकिन निगम प्रशासन द्वारा इस नियम की भी अनदेखी की जा रही है। मई से अब तक किसी भी माह 7 तारीख तक वेतन भुगतान नहीं हुआ है। हालात यह है कि महीने के आखिरी में बमुश्किल वेतन भुगतान हो पा रहा है। लिहाजा कर्मियों को उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है।

384 करोड़ के बजट पर सवाल

नगर निगम का सालाना बजट 384 करोड़ है। बजट बैठक में शहर सरकार ने विभिन्न स्रोतों से 384 करोड़ 39 लाख 70 हजार आय होने का दावा किया था। वहीं पूरे साल तमाम जरूरतों में खर्च के बाद भी निगम को 13 लाख रुपए आमदनी होने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद भी महीने में अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन के लिए महज 3 करोड़ रुपए की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

भाजपा पार्षदों ने दिया समर्थन

सफाईकर्मियों के आंदोलन को भाजपा पार्षदों ने भी समर्थन दिया। पार्षद अरुण सिंह ने निगम कार्यालय में संक्षिप्त सभा में कर्मचारियों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि वे व भाजपा पार्षद दल कर्मचारियों के हर मुश्किल में उनके संघर्ष में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि वेतन भुगतान में देरी हर महीने की बात हो गई है। इसका सर्वाधिक खामियाजा छोटे कर्मियों को भुगतना पड़ता है।

Published on:
14 Aug 2024 02:10 pm
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