Fighter Pilot Salary: फाइटर पायलट युद्ध के दौरान विमान उड़ाते हैं। आइए, जानते हैं फाइटर पायलट को मिलने वाली सैलरी और अन्य सुविधाएं-
Fighter Pilot Salary: भारतीय वायु सेना के जगुआर फाइटर जेट की दुर्घटना में 28 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव (Fighter Pilot Siddharth Yadav) के शहीद होने के बाद से पूरे जामनगर और गुजरात में शोक का माहौल है। इस घटना के बाद कई लोग गूगल पर सर्च करने लगे कि फाइटर पायलट क्या होता है, फाइटर पायलट कैसे बनते हैं और उन्हें क्या सैलरी मिलती है। आइए, जानते हैं इन सब सवालों के जवाब-
फाइटर पायलट युद्ध के दौरान विमान उड़ाते हैं। 12वीं के बाद फाइटर पायलट बनने के लिए NDA की परीक्षा देनी होती है। ये परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित कराई जाती है। यदि आपने ग्रेजुएशन कर रखा है और तब जाकर फाइटर पायलट बनने की प्लानिंग कर रहे हैं तो एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (AFCAT) देना होगा।
भारत में फाइटर पायलट की सैलरी रैंक, अनुभव और पद के अनुसार अलग-अलग होती है। शुरुआती स्तर पर एक फाइटर पायलट को करीब 56,100 रुपये से लेकर 1,10,700 रुपये प्रति महीने के बीच होती है। फ्लाइंग ऑफिसर की सैलरी 56,100 से 1,10,700 रुपये तक, फ्लाइंग लेफ्टिनेंट की 61,300 से 1,20,900 रुपये तक और स्क्वॉड्रन लीडर की 69,400 से 1,36,900 रुपये तक होती है। वहीं उच्च पदों के अधिकारी की मासिक सैलरी करीब 2,50,000 रुपये है।
सैलरी के अलावा फाइटर पायलट को कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं। पायलट को प्रति महीने MSP (मिलिट्री सर्विस पे) मिलता है, जिसकी राशि करीब 15,000 रुपये होती है। साथ ही उन्हें फ्लाइंग अलाउंस दिया जाता है। वहीं फाइटर पायलट को ट्रांसपोर्ट, चिल्ड्रन एजुकेशन, एचआरए आदि जैसे अन्य भत्ते भी मिलते हैं। साथ ही रेल और चिकित्सा सुविधा दी जाती है।
दरअसल, गुजरात के जामनगर में दो अप्रैल को भारतीय वायुसेना का जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादवशहीद हो गए। सिद्धार्थ हरियाणा के रहने वाले थे। वे अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। सिद्धार्थ ने 2016 में NDA परीक्षा पास की थी। एनडीए परीक्षा पास करने के बाद तीन साल का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने फाइटर पायलट वायुसेना ज्वॉइन की थी।