Pilot In India: पायलट बनना इतना आसान नहीं होता है। लेकिन सही कोर्स की मदद से और ट्रेनिंग लेने के बाद आप पायलट बन सकते हैं।
Pilot In India: बचपन में जहां एक ओर बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं। वहीं दूसरी ओर उनके मन में बड़े होकर जहाज उड़ाने की भी इच्छा होती है। हालांकि, पायलट बनना इतना आसान नहीं होता है। लेकिन सही कोर्स की मदद से और ट्रेनिंग लेने के बाद आप पायलट बन सकते हैं। अगर आपके भी मन में पायलट की नौकरी को लेकर जिज्ञासा है तो इस खबर को पूरा पढ़ें। इस खबर की मदद से हम जानेंगे कि पायलट की नौकरी पाने के लिए क्या करना होता है, सैलरी कितनी मिलती है और किस उम्र में लोग रिटायर होते हैं।
10वीं में अच्छे नंबरों से पास होना जरूरी है। 10वीं के बाद 11वीं कक्षा में प्रवेश करते ही पायलट की पढ़ाई शुरू करनी होगी। 12वीं में पीएसीएम विषय से पढ़ाई करें और अंग्रेजी पर मजबूत पकड़ बनाए रखें। 12वीं कक्षा में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों से पास होना जरूरी है। हालांकि, कई प्रशिक्षण अकाडमी कॉमर्स स्ट्रीम वाले छात्रों को भी दाखिला देती है।
एनडीए परीक्षा पास करके बनें पायलट
भारतीय रक्षा बलों की प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा को पास करके पायलट बना जा सकता है। एनडीए की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवार की 3 साल की ट्रेनिंग होती है। इसके बाद पायलट हेलीकॉप्टर या फाइटर प्लेन उड़ा सकता है।
पायलट स्कूल से लें ट्रेनिंग
देश में कई ऐसे स्कूल हैं जो पायलट बनने की ट्रेनिंग देते हैं। यदि आपको कॉमर्शियल पायलट बनना है तो आप इनमें से किसी स्कूल से ट्रेनिंग ले सकते हैं। टॉप पायलट स्कूलों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, बॉम्बे फ्लाइंग क्लब, राजीव गांधी अकादमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब, नेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स का नाम शामिल है।
भारत में पायलट (Pilot In India) की रिटायरमेंट उम्र 65 साल है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने हाल ही में इसे बढ़ाया है। इससे पहले तक रिटायरमेंट की उम्र 58 साल होती थी। रिटायरमेंट उम्र (Pilot Retirement Age in India) की यह सीमा डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा तय की जाती है। इसी के बाद एयर इंडिया जैसी कंपनियों ने भी अपने पायलटों की रिटायरमेंट उम्र को पांच साल के लिए बढ़ा दिया था।
पायलट की शुरुआती सैलरी लगभग डेढ़ लाख रुपये महीने से शुरू होती है। इसके बाद करियर और एक्सपीरियंस के साथ ही यह सैलरी बढ़ती जाती है। प्राइवेट सेक्टर में सैलरी एयरलाइन कंपनी और पायलट के अनुभव व फ्लाइंग हॉर्स के अनुभव के आधार पर बढ़ती जाती है जो कि बीस लाख तक हो सकती है।