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CBSE Board Exams 2026: अब रट्टा मारने से काम नहीं चलेगा, बदल गया है पैटर्न, जानिए कैसे आएंगे अच्छे नंबर?

CBSE Board Exams 2026: सावधान! अब रट्टा मारने से नहीं आएंगे नंबर, बोर्ड ने बदला पूरा पैटर्न। जानिए नए 'कंपीटेंसी बेस्ड' सवालों को हल करने और एग्जाम में टॉप करने का सीक्रेट फॉर्मूला।

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Nov 29, 2025
How to Prepare for CBSE Board Exams 2026 (Image: Freepik)

How to Prepare for CBSE Board Exams 2026: अगर आप सीबीएसई बोर्ड 2026 की परीक्षा में बैठने वाले हैं या आपके घर से कोई इस बार परीक्षा देगा तो यह खबर किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अब पुरानी ढर्रे वाली पढ़ाई से काम नहीं चलेगा। बोर्ड ने 2026 की परीक्षाओं के लिए मुश्किलों का लेवल बढ़ा दिया है और प्रश्न पत्र के पैटर्न में एक बहुत बड़ा बदलाव किया है।

आसान भाषा में कहें तो, अब सिर्फ किताब के पन्ने रटकर या परिभाषाएं याद करके आप अच्छे नंबर नहीं ला पाएंगे।

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नए पैटर्न में क्या बदला है? (CBSE Exam Pattern 2026 Changes)

बोर्ड का पूरा फोकस अब इस बात पर है कि छात्र को कोई टॉपिक कितना समझ आया है, न कि उसने कितना याद किया है। नए स्ट्रक्चर में 'कंपीटेंसी बेस्ड' (क्षमता आधारित) सवालों की भरमार होगी। इसका मतलब है कि पेपर में आपसे सीधे सवाल पूछने के बजाय केस स्टडीज, डेटा या आकड़ें और रोजमर्रा की किसी स्थिति (सिचुएशन) पर आधारित सवाल पूछे जाएंगे।

पेपर का गणित कुछ ऐसा रहेगा कि 50 फीसदी सवाल ऐसे होंगे जो सीधे-सीधे यह परखेंगे कि आप पढ़े हुए कॉन्सेप्ट को असल जिंदगी में कैसे इस्तेमाल करते हैं। बाकी बचे सवालों में आपकी तर्क शक्ति और सोचने की क्षमता की परीक्षा होगी।

स्कूल्स ने भी इस खतरे को भांप लिया है और इंटरनल एग्जाम के तरीके बदलने शुरू कर दिए हैं, ताकि बच्चों को रट्टू तोता बनाने के बजाय समझदार बनाया जा सके।

तो फिर 2026 में कैसे आएंगे अच्छे नंबर?

घबराने की बात नहीं है, बस पढ़ने का तरीका थोड़ा बदलना होगा। यहां कुछ तरीके हैं जो नए पैटर्न में आपकी नैया पार लगा सकते हैं।

रट्टा छोड़ो, समझना शुरू करें

सबसे पहले तो रट्टा मारने की आदत को टाटा-बाय-बाय कह दीजिए। किताब में लिखी परिभाषा को ज्यों का त्यों याद करने का जमाना चला गया है। हर एक कॉन्सेप्ट के पीछे का 'क्यों' और 'कैसे' समझिए। जब आप चीजों को रटने के बजाय समझेंगे तो एग्जाम में घुमा-फिरा कर पूछे गए केस-स्टडी वाले सवालों के जवाब आसानी से दे पाएंगे।

अपनी भाषा में लिखें आंसर

एग्जामिनर अब यह नहीं देखना चाहते हैं कि आपने किताब की कितनी लाइनें कॉपी-पेस्ट की हैं। वो देखना चाहते हैं कि आपको बात समझ आई है या नहीं? इसलिए जवाब अपनी खुद की सरल भाषा में लिखें। फैक्ट्स सही रखें, लेकिन भाषा वो इस्तेमाल करें जो नेचुरल हो। रटी-रटाई भारी-भरकम लाइनें लिखने से बेहतर है कि सरल शब्दों में अपनी बात समझाएं।

पढ़ाई को असली दुनिया से जोड़ें

जब भी कोई टॉपिक पढ़ें तो सोचें कि इसका हमारी रोज की जिंदगी में क्या काम है? अगर पेपर में किसी कॉन्सेप्ट के बारे में पूछा जाए, तो उसके साथ कोई रियल लाइफ एग्जांपल जरूर लिखें। टॉपर्स अक्सर यही करते हैं। वे सिर्फ नियम नहीं लिखते, बल्कि यह भी बताते हैं कि वह नियम काम कैसे करता है।

कैसा होगा इस बार का पेपर?

मोटा-मोटी समझें तो पेपर में नीचे दी जा रहीं चीजें देखने को मिलेंगी।

  • 20% हिस्सा MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न) का होगा।
  • 30% हिस्से में छोटे या बड़े लिखित उत्तर देने होंगे।
  • बाकी पेपर में केस-स्टडी, सोर्स-बेस्ड और डेटा वाले सवाल होंगे।

कुल मिलाकर बात इतनी सी है, अगर आपका 'फंडामेंटल' क्लियर है तो नए पैटर्न से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आप 'गाइड' रटकर पास होने की सोच रहे हैं तो 2026 में मुश्किल हो सकती है।

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