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JEE Main और CUET स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर: बदल सकता है एग्जाम का तरीका, सरकार कर रही विचार

JEE Main 2026 Exam Mode: क्या JEE Main और CUET फिर से पेन-पेपर मोड में होंगे? संसदीय समिति ने NTA को ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन परीक्षा कराने की सिफारिश की है। जानिए क्या है पूरी रिपोर्ट और इसका छात्रों पर असर।

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Dec 09, 2025
JEE Main 2026 Exam Mode (Image: Gemini)

JEE Main 2026 Exam Mode: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की परीक्षाओं में लगातार हो रही गड़बड़ियों और तकनीकी दिक्कतों के बाद अब एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। हाल ही में संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार को सिफारिश दी है कि, JEE Main और CUET (Common University Entrance Test) जैसे एग्जाम को दोबारा पेन पेपर मोड (ऑफलाइन) में कराया जाए।

इस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि बड़े और अहम एंट्रेंस एग्जाम, जैसे JEE Main, CUET और UGC NET को फिर से पेन-पेपर मोड में लाया जा सकता है। हालांकि, अभी सरकार ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन समिति की सिफारिशों के बाद इस पर चर्चा तेज हो गई है।

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क्यों उठे पेन-पेपर मोड की वापसी के सवाल

रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में NTA ने टोटल 14 प्रमुख परीक्षाएं करवाई, जिनमें से कम से कम पांच में बड़ी समस्याएं सामने आईं। समिति ने बताया कि UGC-NET, CSIR-NET और NEET PG तक रोकनी पड़ी।

  • NEET-UG में पेपर लीक के मामले दर्ज हुए।
  • CUET के नतीजे देर से आए।
  • JEE Main 2025 में भी 12 सवालों में गलतियां मिलीं।
  • समिति का कहना है कि, इस स्थिति से एग्जाम सिस्टम को लेकर लोगों का भरोसा उठ-सा गया है।
  • CBT और पेन-पेपर मोड दोनों में खामियां सामने आईं।
  • पेन-पेपर मोड में पेपर लीक होने का डर बना रहता है।
  • कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) में साइबर हैकिंग होने की आशंका बनी रहती है।

समिति ने आगे कहा कि, CBSE और UPSC मॉडल लंबे समय से बड़े विवाद के बिना चल रहे हैं। इस हिसाब से पेन-पेपर मोड को ज्यादा भरोसेमंद माना जा सकता है।

समिति ने सुझाव दिया है कि यदि CBT जारी रहती है तो इन्हें केवल सरकारी या सरकारी नियंत्रण वाले परीक्षा केंद्रों में ही कराया जाए। प्राइवेट सेंटरों को इससे बाहर रखने की बात पर जोर दिया गया है।

ब्लैकलिस्टेड कंपनियों पर कसा जाए शिकंजा

रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई गई है कि, प्राइवेट परीक्षा कराने वाली कई ब्लैकलिस्टेड कंपनियां, उन्हें अब भी नई परीक्षाओं के कॉन्ट्रैक्ट मिल रहे हैं। समिति ने सुझाव दिया है कि, ऐसी कंपनियों और उनसे जुड़े व्यक्तियों की राष्ट्रीय स्तर पर जल्द से जल्द ब्लैकलिस्ट बनाई जाए। उन्हें चिन्हित कर दोबारा कॉन्ट्रेक्ट ना दिया जाए।

NTA के पास 448 करोड़ का सरप्लस फंड

पिछले छह सालों में NTA ने लगभग 3513 करोड़ रुपए की कमाई की। तकरीबन 3065 करोड़ रुपए खर्च किए। इसका मतलब है कि एनटीए के पास 448 करोड़ रुपये अब भी उपलब्ध है। समिति ने मांग की है कि, इस रकम का उपयोग परीक्षा प्रणाली को और मजबूत करने में किया जाए।

अब क्या हो सकता है?

रिपोर्ट में कहा गया है कि, NTA की प्रमुख परीक्षाओं को पेन-पेपर मोड में लाने पर गंभीरता से सोचा जाए। हालांकि, यह सिर्फ सिफारिश और सुझाव हैं। अंतिम निर्णय क्या होगा और परीक्षा किस मोड में होगी, यह बात सरकार के फैसले के बाद ही तय होगी। अगर सरकार सिफारिशों को सीरियस लेते हुए लागू करती है, तो आने वाले समय में JEE Main, CUET और UGC NET जैसे एग्जाम कंप्यूटर की जगह फिर से पेन-पेपर मोड पर हो सकते हैं।

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