MBA And PGDM:दोनों कोर्सेज के नाम और काम भले ही एक जैसे लगें, लेकिन इनके बीच कुछ जरुरी अंतर होते हैं जो आपके करियर की दिशा तय करने में मदद कर सकते हैं।
MBA Vs PGDM: कई स्टूडेंट्स का सपना होता है कि वे मैनेजमेंट फील्ड में अपना करियर बनाएं, लेकिन अक्सर ये तय करने में कन्फ्यूजन होता है कि उन्हें MBA करना चाहिए या फिर PGDM। देखा जाए तो दोनों कोर्स में कई समानता है, लेकिन इनमें कई अहम अंतर भी होते हैं। दोनों कोर्सेज के नाम और काम भले ही एक जैसे लगें, लेकिन इनके बीच कुछ जरुरी अंतर होते हैं जो आपके करियर की दिशा तय करने में मदद कर सकते हैं।
MBA (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) एक डिग्री प्रोग्राम होता है, जिसे विश्वविद्यालय या यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेज ऑफर करते हैं। इसका सिलेबस आमतौर पर यूनिवर्सिटी द्वारा तय किया जाता है और यह अधिक एकेडेमिक और थ्योरिटिकल होता है।
PGDM (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट) एक डिप्लोमा प्रोग्राम है, जिसे AICTE-मान्यता प्राप्त प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स या ऑटोनॉमस संस्थान संचालित करते हैं। इसका कोर्स कंटेंट इंडस्ट्री की मांगों के अनुसार जल्दी-जल्दी अपडेट किया जाता है, जिससे यह ज्यादा प्रैक्टिकल और जॉब-ओरिएंटेड बनता है। PGDM का कोर्स इंडस्ट्री को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है।
MBA प्रोग्राम में पढ़ाई मुख्य रूप से बिजनेस थ्योरी और स्ट्रैटेजी जैसे विषयों पर केंद्रित होती है। वहीं PGDM में स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री में काम आने वाले स्किल्स सिखाए जाते हैं जैसे डेटा एनालिसिस, AI टूल्स, केस स्टडीज़ और रियल-लाइफ प्रोजेक्ट्स।
PGDM कोर्स में 6 टर्म्स में लगभग 40–45 सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं, जबकि MBA कोर्स चार सेमेस्टर में बंटा होता है जिसमें करीब 30–35 विषय शामिल होते हैं।
PGDM प्रोग्राम की इंडस्ट्री से नजदीकी और अपडेटेड सिलेबस के कारण छात्रों को प्रैक्टिकल स्किल्स बेहतर तरीके से मिलते हैं, जिससे जॉब पाने की संभावना अधिक होती है। कंपनियां अब थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल स्किल्स को महत्व देती हैं। हालांकि, MBA एक डिग्री कोर्स होने के कारण सरकारी और शैक्षणिक क्षेत्रों में ज्यादा मान्य होता है।
सैलरी की बात करें तो दोनों कोर्स के ग्रेजुएट्स को लगभग समान स्तर पर पे स्केल मिलता है, लेकिन PGDM कोर्स से निकले छात्र बेहतर स्किल सेट के कारण कुछ मामलों में आगे निकल सकते हैं।
दोनों कोर्स बहुत हद तक एक समान है लेकिन इंडस्ट्री में तेजी से बदलती जरूरतों के हिसाब से खुद को तैयार करने के लिए PGDM को चुना जा सकता है। वहीं फाइनेंस, स्टार्टअप, रिसर्च के फील्ड में बेहतर करने के लिए MBA किया जा सकता है। हालांकि सभी तरह के करियर ऑप्शन दोनों ही कोर्स में मिल जाते हैं।