Engineering Jobs: इंजीनियरिंग चुनते समय छात्रों के मन में ये सवाल अक्सर आता है कि Mechanical Engineering कठिन है या Electrical Engineering? दोनों ही कोर ब्रांच हैं, लेकिन दोनों की पढ़ाई में अंतर है।
Engineering Course: 12वीं के बाद कई छात्र डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं। वैसे भी आजकल, इंजीनियरिंग को दुनिया, खासकर भारत में सबसे प्रतिष्ठित क्षेत्र में से एक माना जाता है। समय के साथ इस पेशे की मांग बढ़ गई है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सैकड़ों चीजें हैं। इसमें मल्टीपल ब्रांच हैं जिनका, डिफिकल्टी लेवल अलग-अलग है। आइए तुलना करके समझते हैं कि किसमें ज्यादा मेहनत और दिमागी तैयारी की जरूरत होती है।
Electrical इंजीनियरिंग में टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रीसिटी से डील करना पड़ता है। इसमें अलग-अलग तरह के कॉम्पोनेंनट्स, डिवाइस और सिस्टम को समझकर काम करना पड़ता है। इसमें gps सिस्टम से लेकर बड़े पावर जनरेटर तक बनाए जाते हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग मुश्किल ब्रांचों में सबसे कठिन मानी जाती है।
मेकैनिकल इंजीनियरिंग अपने आप में बहुत व्यापक और गहराई से काम करने वाली ब्रांच है। इस ब्रांच में मेकैनिकल इंजीनियर्स को फिजिक्स नेचर से संबंधित बुनियादी नियमों के बारे में बताया जाता है। इसमें जिन कॉन्सेप्ट से काम किया जाता है उसमें thermodynamics, fluid mechanics, metallurgy, continuum mechanics शामिल है।
Electrical Engineering को आमतौर पर थोड़ा ज्यादा कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें थ्योरी और Math ज्यादा होती है। लेकिन Mechanical Engineering भी फिजिकल डिमांड और लैब वाली ब्रांच है। आपको बता दें कि, हर ब्रांच अपनी जगह पर मुश्किल है। सही चुनाव आपकी ताकत, इंटरेस्ट और सीखने की शैली पर निर्भर करता है।