PARAKH Rashtriya Sarvekshan: बच्चों को सबसे ज्यादा कठिनाई कहानी पढ़ने और समझने में (60%) हुई। जबकि रोजमर्रा की बातचीत में शब्दों का सही उपयोग (67%) सबसे बेहतर रहा।
PARAKH Rashtriya Sarvekshan: केंद्र सरकार की नई शिक्षा रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में हुई पढ़ाई की रुकावट का असर अभी तक बना हुआ है। खासकर प्राथमिक स्तर यानी कक्षा 3 के छात्र अब भी 2017 के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि 2021 के मुकाबले 2024 में थोड़ी सुधार जरूर देखने को मिली है, लेकिन कोरोना से पहले के स्तर (2017) तक बच्चे अभी नहीं पहुंच पाए हैं।
भाषा में स्कोर: 2024 में बच्चों का औसत स्कोर 64% रहा, जो 2021 के 62% से थोड़ा बेहतर है लेकिन 2017 के 66.7% से कम है।
गणित में स्कोर: 2024 में औसत स्कोर 60% रहा, जबकि 2021 में 57% और 2017 में 63% था।
क्या है यह रिपोर्ट?
यह सर्वेक्षण PARAKH "राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र"(National Assessment Center) की ओर से किया गया, जिसे पहले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) कहा जाता था। दिसंबर 2024 में हुए इस सर्वे में देशभर के 74,229 स्कूलों के करीब 21.15 लाख छात्रों (कक्षा 3, 6 और 9) को शामिल किया गया।
बच्चों को सबसे ज्यादा कठिनाई कहानी पढ़ने और समझने में (60%) हुई। जबकि रोजमर्रा की बातचीत में शब्दों का सही उपयोग (67%) सबसे बेहतर रहा। ज्योमेट्री आकार और साधारण पैसे से जुड़े सवालों में औसत स्कोर केवल 50% रहा।
सबसे अच्छा प्रदर्शन (69%) बच्चों ने नंबर, आकृतियां और पैटर्न पहचानने में किया।
इन कक्षाओं के छात्रों का औसत स्कोर लगभग सभी विषयों में 50% से कम रहा, केवल भाषा को छोड़कर। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन छात्रों ने दो साल की पढ़ाई का नुकसान झेला है, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ।