patrika winning habits
पढऩे की आदत को लेकर पत्रिका ने एक रैंडम सैंपल सर्वे किया, जिसमें पाठकों से उनकी व्यक्तिगत कहानियां साझा करने को कहा गया। जिसमें बड़ी संख्या में पाठकों की प्रतिक्रियाएं मिलीं हैं ।
1 - अखबार हमारे जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी है और इसे पढ़ने से हमारी भाषा का विकास भी होता है। पठन को जीवन की नित्य क्रिया बनाना चाहिए, क्योंकि यही हमें भावी जीवन के लिए तैयार करता है। नैतिक - स्टूडेंट
2 पत्रिका पढ़ने से न केवल हमें दुनिया में हो रही घटनाओं की जानकारी मिलती है बल्कि यह हमारे विचारों को भी समृद्ध करती है। इससे प्रेरणा मिलती है और लोगों के विचार जानने की आदत विकसित होती है। माही- स्टूडेंट
3 राजस्थान पत्रिका पढ़ने से मेरा शब्द भंडार समृद्ध हुआ, मंच संचालन व अध्यापन में सहजता आई और वर्ग पहेली हल करने का कौशल भी विकसित हुआ।इसके माध्यम से मुझे समसामयिक जानकारियां मिलीं, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में सहायक सिद्ध होती हैं। एडवोकेट आरके मिश्रा - प्रोफेशनल
4 पत्रिका पढ़ने की आदत हमें ज्ञान, भाषा और विचारों की प्रगति के साथ जीवन की कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करती है। यह आदत न केवल करंट अफेयर्स और समसामयिक समझ विकसित करती है, बल्कि हमें आत्मविश्वास व धैर्य से आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। लाल चंद पुनिया - नौकरीपेशा
5 मैं पिछले 30 वर्षों से राजस्थान पत्रिका का नियमित पाठक हूं और 1 जनवरी 2000 से 6 सितंबर 2025 तक के अखबारों को धरोहर स्वरूप सहेजकर रखा है।1995 से प्रतिदिन औसतन 40 मिनट अध्ययन के साथ अब तक लगभग 7200 घंटे पत्रिका पढ़ चुका हूं, जो मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। श्रवण सैन खेड़ापा - स्टूडेंट
6 पठन मन को तेज, स्मरण शक्ति, एकाग्रता और सृजनशीलता को विकसित करता है, साथ ही तनाव घटाकर ज्ञान व आत्मविश्वास बढ़ाता है। नियमित अध्ययन न केवल भाषा और संप्रेषण कौशल को निखारता है बल्कि जीवन में शांति, सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है। - बंटी शर्मा- स्टूडेंट
7 हमारा पूरा परिवार राजस्थान पत्रिका का नियमित पाठक है—बच्चे प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, महिलाए ‘पत्रिका परिवार’ से जुड़ती हैं और हम सभी देश-दुनिया की खबरों से समृद्ध होते हैं। पत्रिका की खबरें व जानकारी हमारी दिनचर्या और जीवन का हिस्सा हैं, जिनके लिए हम सदैव आभारी हैं और प्रधान संपादक कोठारी जी को प्रणाम करते हैं। - अवधेश मंगल - बिजनेस
8 स्कूली दिनों से राजस्थान पत्रिका का नियमित पाठक होने के नाते आज एक सरकारी शिक्षक के रूप में मैं इसकी खबरों और संपादकीय से मिले ज्ञान व नवाचारों को कक्षा में लागू करता हूं। पत्रिका से प्रेरित इन नवाचारों के कारण मुझे राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्राप्त हुआ, जिसे मैंने अपने विद्यार्थियों को समर्पित किया। - राहुल कुमार शर्मा- प्रोफेशनल
9 नई चीज़ें पढ़ने के शौक ने मुझे अब तक 300 से अधिक किताबों और 13 वर्षों से राजस्थान पत्रिका का निरंतर अध्ययन कराया है, जो मेरे दिन की शुरुआत का सबसे अहम हिस्सा है। कठिन आर्थिक परिस्थितियों में भी पत्रिका से नाता नहीं टूटा।
अंशु पारीक- बिजनेस
10 मेरे लिए पत्रिका सिर्फ अखबार नहीं, बल्कि ज्ञान का भंडार है जिसकी परंपरा आदरणीय कर्पूरचंद्र कुलिश जी के आशीर्वाद से आज भी जीवित है। प्राणीशास्त्र के शिक्षक के रूप में मैं भी उनके बताए सिद्धांत “A teacher always be a learning student” को जीवन में आत्मसात किए है । पीयुष गुप्ता - नौकरीपेशा
11 बचपन से राजस्थान पत्रिका पढ़ने की आदत ने मुझे समसामयिक घटनाओं की सटीक और विश्वसनीय जानकारी दी है। इसी कारण परीक्षाओं की तैयारी में अलग से करंट जीके की पुस्तकों की आवश्यकता नहीं पड़ती। जितेंद्र सोनी - प्रोफेशनल
12 पत्रिका पढ़ने से हमें आकस्मिक घटनाओं से लेकर सरकारी योजनाओं और लाभों तक की महत्वपूर्ण जानकारी समय पर प्राप्त होती है। साथ ही इसमें प्रकाशित समाचारों से निजी नौकरियों की रिक्तियों की जानकारी भी तुरंत मिल जाती है। पंकज कुमार पांडेय - प्रोफेशनल
13 पत्रिका अपनी सरल और प्रभावी भाषा शैली में समाज के मुद्दों को उठाकर आमजन की परेशानियों को आवाज़ देता है और सही दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह अख़बार शासन-प्रशासन की खामियों को उजागर कर जनता के हक की सशक्त पैरवी करता है। - सत्यम नामदेव - प्रोफेशनल
14 पत्रिका पढ़ने से समसामयिक घटनाक्रम की प्रमाणिक जानकारी मिलती है और गुलाब कोठारी जी के आलेख व संपादकीय गहन ज्ञानवर्धक साबित होते हैं। उनके विचारोत्तेजक आलेखों को समझकर पढ़ने में ही पंद्रह मिनट लग जाते हैं, जो मनन-चिंतन को नई दिशा देते हैं। - प्रकाश पांडेय - नौकरीपेशा
15 एक व्यापारी और समाजसेवी के रूप में राजस्थान पत्रिका मेरे लिए समाचार, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और समाज से जुड़ी प्रमाणिक जानकारी का भरोसेमंद स्रोत है। इसकी हर सामग्री मेरे व्यवसाय, परिवार और सामाजिक योगदान को दिशा देती है, इसलिए मैं इसे प्रतिदिन ध्यानपूर्वक पढ़ता हूँ। - हेमंत मर्दा - बिजनेस