IAS Suhas LY Success Story: सुहास एलवाई ने पैरालिंपिक फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। आइए, जानते हैं उनकी कहानी
IAS Suhas LY Success Story: भारत के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एलवाई को कौन नहीं जानता? उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक के SL4 कैटेगरी में सुकांत कदम को 21-17 21-12 से हराया। इस तरह सुहास ने लगातार दूसरे पैरालिंपिक फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया है। हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब उन्होंने देश को गौरवान्वित महसूस कराया है बल्कि अपनी ड्यूटी पर रहते हुए वे समाज के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। सुहास एलवाई उम्दा खिलाड़ी होने के साथ-साथ तेजतर्रार आईएएस ऑफिसर भी हैं। ऐसा कहते हैं कि उनकी पोस्टिंग जिस भी जिले में होती है, वहां के लोगों को वे अपना बना लेते हैं।
सुहास एलवाई ने इंजीनियरिंग और पब्लिक पॉलिसी में उच्च शिक्षा प्राप्त की है। नौकरी करने के साथ उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। वर्ष 2007 में उन्हें सफलता (Success Story) मिली और वो 382वीं रैंक के साथ परीक्षा में पास हो गए।
सुहास मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। वर्ष 2004 में उन्होंने कर्नाटक के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सुरथकल से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई डिस्टिंक्शन के साथ पूरी की। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया। सुहास की पत्नी भी पीसीएस अधिकारी हैं।
सुहास एल वाई उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने विकास कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एक अच्छे सिविल सेवा अधिकारी होने के साथ-साथ वे शानदार पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी भी हैं। उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ जिलाधिकारी’ पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। सुहास एलवाई की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।