Mothers Role In Child Development: छोटे बच्चे जो भी सीखते हैं, उसमें मां की बड़ी भूमिका होती है।
Mothers Role In Child Development: एक मां की जिंदगी में बच्चे बहुत खास होते हैं। कुछ बच्चे बहुत एनर्जेटिक होते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बच्चों की एनर्जी को हम सही ढंग से हैंडल नहीं कर पाते हैं। खासकर जब मां वर्किंग होती हैं तो उनकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। उन्हें खुद के लिए सही से वक्त नहीं मिल पाता।
बहुत छोटी उम्र के बच्चों में सेल्फ कंट्रोल जैसी कोई शक्ति नहीं होती है। ऐसे में वे कई दिन अनावश्यक ही भागते-दौड़ते रहते हैं। कुछ बच्चे तो थक जाते हैं पर सेल्फ कंट्रोल की कमी के कारण वे उछल-कूद मचाते रहते हैं। ऐसे में आज हम उन मां के लिए कुछ टिप्स बताएंगे जिनके बच्चे हद से ज्यादा शरारती हैं और वे इन टिप्स की मदद से अपने बच्चे की एनर्जी का सही दिशा में इस्तेमाल कर सकती हैं।
ऐसे बच्चे जो एनर्जेटिक होते हैं, वे घर में पूरे दिन खेलते कूदते रहते हैं। ऐसे में वे बेवजह थक जाते हैं। इस तरह के बच्चों को क्रिकेट, फुटबॉल आदि की क्लास में भेजना चाहिए। एक मेंटर के दिशा-निर्देश में वे स्पोर्ट्स के अलावा भी बहुत कुछ सीखेंगे।
यदि आपके बच्चे की रूचि खेल-कूद में नहीं है तो उनका दाखिला किसी डांस व म्यूजिक क्लासेज या आर्ट्स क्लासेज में करा दें। इससे उनका शारीरिक और मानसिक दोनों ही विकास होगा। कथक नृत्यांगना, संगीत शिक्षायतन की संस्थापक और असिस्टेंट प्रोफेसर (पीडब्लूसी) यामिनी शर्मा से जब हमने पूछा कि क्या चंचल बच्चों को डांस क्लासेज में देने से उनमें कुछ सुधार आता है तो उन्होंने कहा कि नृत्य एक ऐसी कला है जो आपके तन और मन दोनों को एकाग्रता की ओर ले जाता है। नृत्य में ये गुण है कि वो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से फायदा पहुंचाता है। कथक नृत्यांगना ने आगे कहा कि ऐसे बच्चे जो शरीर से काफी एनर्जेटिक होते हैं वे जब डांस करने लगते हैं तो मन से भी फुर्तीले बन जाते हैं।
छोटे बच्चे जो भी सीखते हैं, उसमें मां (Mothers Day 2024) की बड़ी भूमिका होती है। यदि आपका बच्चा बहुत एनर्जेटिक है और पूरे दिन घर में इधर-उधर भागता रहता है तो उसे घर के कामों में उलझाएं। इससे वे आपकी मदद करना भी सीखेंगे और साथ ही सही जगह पर खुद की एनर्जी का इस्तेमाल करेंगे। उदाहरण के लिए आप अपने बच्चे से घर के छोटे-मोटे काम जैसे कि बिस्तर ठीक करना, अलमारी समेटने का काम करा सकती हैं।
बच्चों से पेड़-पौधा लगवाएं, जिससे उनमें प्रकृति प्रेम की भावना जगे। पेड़-पौधे लगाने से एक अलग सा सुकून मिलता है। साथ ही प्रकृति के साथ समय बीताने से हमारे शरीर में एक अलग सी ऊर्जा उत्पन्न होती है।