Australian University: विश्व रैंकिंग में जगह बनाने वाली ऑस्ट्रेलिया के कई यूनिवर्सिटी के कॉलेज कैंपस अब भारत में शुरू हो सकते हैं।
Australian University: विश्व रैंकिंग में जगह बनाने वाली ऑस्ट्रेलिया के कई यूनिवर्सिटी के कॉलेज कैंपस अब भारत में शुरू हो सकते हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ऑस्ट्रेलिया सरकार में शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर दोनों इस बात पर सहमत हैं। शिक्षा मंत्री 20 अक्टूबर से सिंगापुर और आस्ट्रेलिया के 7 दिवसीय दौरे पर हैं। इस यात्रा से शिक्षा में पारस्परिक हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग, भागीदारी और तालमेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और जेसन क्लेयर के बीच उच्च शिक्षा से लेकर स्कूल के स्तर पर भी सहयोग को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत हुई। गुजरात के गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में ऑस्ट्रेलिया की दो यूनिवर्सिटी के भारतीय कैंपस की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। यूजीसी रेगुलेशंस 2023 के मुताबिक भारत में पहला विदेशी कैंपस ब्रिटेन की Southampton यूनिवर्सिटी का होगा, जिसमें जुलाई 2025 से पढ़ाई शुरू होगी।
ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल भारत में कई विदेशी यूनिवर्सिटी की शुरुआत हो सकती है। यूजीसी रेगुलेशंस के अनुसार, कई विदेशी यूनिवर्सिटी ने आवेदन किया है। क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग और वैश्विक स्तर पर दूसरी रैंकिंग में जगह बनाने वाली यूनिवर्सिटीज को प्राथमिकता दी जाएगी। अभी कंप्यूटर साइंस, बीएससी बिजनेस मैनेजमेंट, बीएससी अकाउंटिंग एंड फाइनांस, बीएससी इकोनॉमिक्स, एमएससी इंटरनेशनल मैनेजमेंट, एमएससी फाइनांस जैसे कोर्स शुरू किए जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटीज (Australian University) के प्रतिनिधियों के साथ भारत के शिक्षा मंत्री की बातचीत हुई है।
शिक्षा मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया में अपने संबोधन में कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति डिजिटल साक्षरता, सॉफ्ट स्किल्स, आलोचनात्मक सोच आदि कई विषयों के अध्ययन पर बल देते हुए एक रूपरेखा प्रदान करती है, ताकि उभरते हुए रोजगार बाजारों के अनुकूल हो सकें। धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय (Australian University In India) परिसरों की स्थापना केवल शुरुआत है और इसमें बहुत कुछ हासिल करने की संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश मिलकर ज्ञान को आगे बढ़ा सकते हैं, वैश्विक चुनौतियों के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा सकते हैं, जिससे छात्रों को भविष्य में कई अवसर मिलेंगे।