ITI and Diploma: जानिए आईटीआई और डिप्लोमा के बाद कौन-कौन से करियर ऑप्शन आपके लिए बेहतर हैं। सरकारी नौकरी, प्राइवेट सेक्टर, अप्रेंटिसशिप और खुद का व्यवसाय शुरू करने जैसे कई विकल्प की जानकारी दी गई है।
ITI and Diploma Carrier: आईटीआई और डिप्लोमा के बाद सही कैरियर चुनना बहुत जरूरी है। क्योंकि ये तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक स्किल्स देते हैं, जिसकी इंडस्ट्री में काफी डिमांड है। सही क्षेत्र चुनकर जल्दी जॉब पा सकते हैं और इनकम कर सकते हैं। खासकर आज के समय में तकनीकी व व्यावसायिक सेक्टर तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां आईटीआई और डिप्लोमा होल्डर्स की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। आइए जानते हैं उन कॅरियर ऑप्शन के बारे में।
जूनियर इंजीनियर (सरकारी नौकरी) - डिप्लोमा धारक छात्र पीडब्ल्यूडी, रेलवे और बिजली विभाग जैसे सरकारी विभागों में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्य कर सकते हैं। यह नौकरी स्थिरता व अच्छा वेतन दोनों देती है।
आइटीआइ ट्रेड्स में इंजीनियर - इलेक्ट्रीशियन, फिटर, वेल्डर और मेकेनिक जैसे तकनीशियन पदों पर युवाओं को काम मिलता है। ये पद निर्माण, ऑटोमोबाइल व रेलवे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रेलवे में सरकारी नौकरी - रेलवे में तकनीशियन, असिस्टेंट लोको पायलट व सिग्नल मेंटेनर के पद उपलब्ध हैं। इसमें अच्छा वेतन और स्थिरता मिलती है।
सार्वजनिक उपक्रमों में अप्रेंटिसशिप - ओएनजीसी, आइओसीएल, बीएचईएल, एनटीपीसी जैसी कंपनियों में अप्रेंटिसशिप के जरिए अनुभव और स्थायी नौकरी का अवसर मिलता है।
पॉवर प्लांट में इंजीनियर - थर्मल, हाइड्रो और सोलर पावर प्लांट में तकनीशियनों की जरूरत बढ़ रही है। यह सेक्टर अच्छी नौकरी और भविष्य की सुरक्षा देता है।
क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर - मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में गुणवत्ता जांच के लिए क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर की मांग है। ये इंजीनियरिंग कर चुके युवाओं के लिए अच्छा है।
मेंटेनेंस इंजीनियर - फैक्ट्री, हॉस्पिटल और बिल्डिंग की मशीनों की देखभाल और मरम्मत का कार्य करना होता है। यह एक स्थायी और मांग वाला क्षेत्र है।
टेक्निकल सेल्स इंजीनियर - प्रोडक्ट्स की बिक्री में तकनीकी ज्ञान के साथ कमाई के बेहतर अवसर मिलते हैं।
प्राइवेट कंपनियों में अवसर - ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डिप्लोमा और आइटीआइ छात्रों की मांग है। अनुभव और कौशल से कॅरियर ग्रोथ होती है।
अपना व्यवसाय शुरू करें - रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल वर्क या मोटर रिपेयरिंग जैसे छोटे व्यवसाय युवाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का रास्ता हैं।