शिक्षा

UPPSC परीक्षा में AI से निगरानी: चीट, गैजेट निकालने पर बजेगा अलार्म, चुटकी में चल जाएगा पता

UPPSC: इतना ही नहीं, यदि कोई परीक्षार्थी शौचालय के लिए जाता है और वापस लौटने में समय सीमा से अधिक समय लेता है, तो भी यह सिस्टम अलर्ट भेज देगा। इस प्रकार परीक्षा के भीतर और बाहर...

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Apr 07, 2025
UPPSC

UPPSC: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) अब अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा ले रहा है। आयोग ने परीक्षा केंद्रों पर Artificial Intelligence (AI) आधारित निगरानी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे नकल और अन्य अनुचित गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लग सके। इस नई व्यवस्था के तहत हाई-टेक कैमरे लगाए जाएंगे, जो केवल रिकॉर्डिंग नहीं करेंगे, बल्कि AI की मदद से परीक्षार्थियों की गतिविधियों का विश्लेषण भी करेंगे। कोई भी संदिग्ध हरकत, जैसे बार-बार इधर-उधर देखना, फुसफुसाना, इशारे करना, या निर्धारित समय से अधिक देर तक सीट से अनुपस्थित रहना, अब सीधे कंट्रोल रूम तक रिपोर्ट होगी।

UPPSC And AI: सकारात्मक परिणाम आ रहे सामने


प्रारंभिक तौर पर इस तकनीक को पिछले कुछ परीक्षा और परीक्षा केंद्रों पर आजमाया गया था, जहां इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। अब आयोग इसे सभी आगामी परीक्षाओं में पूर्ण रूप से लागू करने जा रहा है। इसमें सबसे नजदीकी बड़ा आयोजन RO-ARO 2023 की प्रारंभिक परीक्षा होगी, जिसमें यह तकनीक पूरी तरह से कार्यरत होगी। इस तकनीक की मदद से उम्मीदवारों के संदिग्ध हरकत को सीधे उस सेंटर के कंट्रोल रूम में देखा जा सकता है।

UPPSC: संचालन और निगरानी के लिए एजेंसी को किया गया नियुक्त


इस प्रणाली के संचालन और निगरानी के लिए एक विशेष तकनीकी एजेंसी को नियुक्त किया गया है, जो न केवल रियल टाइम मॉनिटरिंग करेगी, बल्कि विस्तृत डेटा विश्लेषण के आधार पर संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट भी तैयार करेगी। प्रत्येक परीक्षा केंद्र, कमरे, सीट और रोल नंबर तक की जानकारी के साथ घटनाओं का रिकॉर्ड रखा जाएगा।

Artificial Intelligence: शौचालय में भी नहीं बिता सकते अधिक समय


इतना ही नहीं, यदि कोई परीक्षार्थी शौचालय के लिए जाता है और वापस लौटने में समय सीमा से अधिक समय लेता है, तो भी यह सिस्टम अलर्ट भेज देगा। इस प्रकार परीक्षा के भीतर और बाहर, हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाएगी। किसी भी प्रकार के संदिग्ध हरकत का सिग्नल परीक्षा हॉल में नहीं बल्कि कंट्रोल रूम में जाएगा। आयोग का यह कदम न केवल अनुचित तरीकों से परीक्षा देने वालों के लिए चुनौती खड़ा करेगा, बल्कि उन छात्रों के लिए भी एक आश्वासन बनेगा जो पूरी मेहनत और ईमानदारी से तैयारी करते हैं। आयोग के अनुसार, यह तकनीकी पहल परीक्षा प्रणाली में विश्वास को बढ़ाएगी और निष्पक्षता सुनिश्चित करेगी।

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