UPSC Success Story: यूपीएससी सीएसई 2024 परीक्षा में हरियाणा की शिवानी पांचाल ने 53वीं रैंक हासिल किया है। उनके पिता नहीं हैं, मां ने ही पढ़ाई लिखाई का खर्च उठाया है। जानिए उनकी पूरी कहानी-
UPSC Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सीएसई परीक्षा 2024 की परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। इसी के साथ एक से एक होनहार छात्रों की प्ररेणादायक कहानी सामने आ रही है। इनमें से एक है हरियाणा की बेटी शिवानी पांचाल, जिन्होंने यूपीएससी में 53वीं रैंक हासिल की है। हरियाणा की कहानी इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि ये सिर्फ उनकी मेहनत को नहीं दिखाता बल्कि उनके परिवार के सहयोग को भी दिखाता है।
शिवानी हरियाणा के माजरी गांव की रहने वाली हैं। इससे पहले उन्होंने हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) परीक्षा पास की थी और एक साल के भीतर भीतर यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास कर ली। दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने UPSCपरीक्षा के लिए कोचिंग की मदद नहीं ली थी। शिवानी अभी गुरुग्राम में ट्रेनिंग ले रही हैं।
शिवानी जब चार साल की थीं तब एक सड़क दुर्घटना में उन्होंने अपने पिता को खो दिया। इसके बाद उनकी मां ने घर का सारा खर्च उठाया और बेटी को पढ़ाया। शिवानी की मां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।
शिवानी के चाचा हरियाणा पुलिस में हैं, उन्होंने भी शिवानी को पढ़ाई में सहयोग किया। शिवानी के पास बहुत सुख सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन एक हिम्मती मां रहीं जिन्होंने हर संभव प्रयास करके अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देने की कोशिश की। शिवानी का एक छोटा भाई भी है, जो अभी MBBS की पढ़ाई कर रहा है।
शिवानी पांचाल की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई उनके गांव से हुई थी। उनके स्कूल का नाम Chandan Bal Vikas Public School बताया जा रहा है। स्कूली पढ़ाई लिखाई के बाद उन्होंने NIT Kurukshetra से बीटेक किया। बीटेक करने के बाद उनकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लग गई थी। लेकिन उनका मन नौकरी में नहीं लग रहा था, जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला किया। वो अपनी नौकरी के दिनों के बारे में कहती हैं, “निजी कंपनी में काम करने से मुझे एहसास हुआ कि मैं वह नहीं कर रही थी जो मैं वास्तव में करना चाहती थी।”
शिवानी पांचाल की इस उपलब्धि से न सिर्फ उनके घर वाले खुश हैं बल्कि पूरा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने अन्य छात्रों को भी परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स दिए। कहा कि सीमित संसाधनों में भीUPSC की तैयारीकी जा सकती है। जरूरत है केवल स्थिरता और ध्यान लगाने की। मैंने बहुत किताबें नहीं पढ़ी, बस रिवीजन पर फोकस किया।