Success Story: 2017 में आदित्य कुमार ने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर लिया। लेकिन इससे पहले वे करीब 33 बार फेल हो चुके हैं। वर्तमान समय में आदित्य पंजाब के संगरूर जिले में एएसपी के पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं। आइए, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी
Success Story: जीवन में हार जीत तो लगी रहती है, लेकिन अंतत: सफल वही होता है जिसने अपने लक्ष्य को पाने के लिए कठिन परिश्रम किया हो। आज ऐसे ही एक शख्स की कहानी जानेंगे जो हिंदी मीडियम की पढ़ाई करके IPS ऑफिसर बन गए। हम बात कर रहे हैं आदित्य कुमार की, जिन्होंने कक्षा 12वीं पास करने के बाद ही सिविल सेवा में आने का मन बना लिया था। उन्होंने करीब 33 परीक्षाएं दी, लेकिन सभी में असफल रहे। हालांकि, अंत में यूपीएससी क्रैक किया और IPS बन गए। आइए, जानते हैं उनके संघर्ष और सक्सेस दोनों की कहानी-
आदित्य कुमार राजस्थान (IPS Aditya Kumar Rajasthan) के रहने वाले हैं। उनका जन्म हनुमानगढ़ जिले (Hanumangarh District News) में स्थित अजीतपुरा के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके माता पिता, दोनों ही शिक्षक हैं। आदित्य ने 12 वीं से ही सरकारी नौकरी का सपना देखा था किंतु कई बार असफल रहे। हालांकि, उन्होंने दृढ़ निश्चय कर सभी चुनौतियों का सामना किया और 33 बार फेल होने के बाद UPSC में सफल होकर IPS अधिकारी बनकर दिखाया।
आदित्य का कहना है कि वे अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और बैंकिंग जैसी करीब 30 परीक्षाओं में असफल हुए थे। लोग उन्हें बहुत ताने मारते थे। हालांकि, उन्होंने लोगों की परवाह नहीं की और आंखों में यूपीएससी का सपना लिए 2013 में दिल्ली आए। यहां उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। 2014 में यूपीएससी का पहला अटेंप्ट दिया था, जिसके प्रीलिम्स में भी वे पास नहीं कर पाए। वहीं 2015 में जब वे प्रीलिम्स और मेन्स पास करके इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे तो ओवर कॉन्फिडेंस के कारण वे चूक गए। 2016 में भी वो असफल रहे। आखिरकार, 2017 में उन्होंने अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर लिया। आदित्य ने साल 2018 के यूपीएससी सीएसई रिजल्ट में एआईआर 630वीं रैंक हासिल की।
वर्तमान समय में आदित्य पंजाब के संगरूर जिले में एएसपी के पद पर अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने अपने बचपन में सिखाई बात को हमेशा याद रखा है, कुछ भी हासिल करने का एकमात्र तरीका है कि मेहनत करो। आज उनकी मेहनत और अटूट विश्वास के कारण वे इस मुकाम पर हैं।