Mufti Shamail Nadwi का पूरा नाम शमाइल अहमद अब्दुल्ला है। उनका जन्म 7 जून 1998 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ। उनके पिता मौलाना अबु सईद कोलकाता के जाने-माने इस्लामिक विद्वानों में गिने जाते हैं।
Who Is Mufti Shamail Nadwi: दिल्ली के Constitution Club of India में 'Does God Exist' जैसे सेंसेटिव मुद्दे पर बहस का आयोजन किया गया था। इस बहस का आयोजन एक मीडिया हाउस द्वारा किया गया था। इस बहस में एक तरफ थे मशहूर फिल्मी राइटर और हर मुद्दे पर अपनी बात रखने वाले जावेद अख्तर तो दूसरी तरफ थे मुस्लिम स्कॉलर मुफ्ती शमाइल नदवी। इस बहस को ऑनलाइन खूब देखा गया। सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब चर्चा हुई। लेकिन सभी के मन में यह सवाल था कि ये मुस्लिम स्कॉलर कौन हैं? मुफ्ती शमाइल नदवी के पास कितनी डिग्रियां हैं या उन्होंने कहां तक पढ़ाई की है?
मुफ्ती शमाइल नदवी का पूरा नाम शमाइल अहमद अब्दुल्ला है। उनका जन्म 7 जून 1998 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ। उनके पिता मौलाना अबु सईद कोलकाता के जाने-माने इस्लामिक विद्वानों में गिने जाते हैं। धार्मिक परिवेश में पले-बढ़े शमाइल का रुझान बचपन से ही धर्म और दर्शन की ओर रहा। कोलकाता में प्रारंभिक शिक्षा और कुरान की बुनियादी तालीम लेने के बाद शमाइल अहमद अब्दुल्ला ने वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित दारुल उलूम नदवतुल उलेमा में दाखिला लिया। यहां उन्होंने लगभग छह वर्षों तक इस्लामिक धर्मशास्त्र की पढ़ाई की और मुफ्ती की डिग्री हासिल की। इस दौरान कुरान, हदीस और फ़िक़्ह (इस्लामी कानून) जैसे विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त की।
नदवतुल उलेमा से शिक्षा प्राप्त करने के कारण उन्होंने अपने नाम के साथ ‘नदवी’ जोड़ा। नदवा से शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च अध्ययन के लिए वे मलेशिया गए, जहां वे इस्लामिक स्टडीज में पीएचडी कर रहे हैं।
मुफ्ती शमाइल नदवी ‘मरकज-अल-वहयैन’ नामक एक ऑनलाइन शैक्षिक मंच के फाउंडर और डायरेक्टर हैं। इसके अलावा, उन्होंने 2024 में ‘वाहियान फाउंडेशन’ नाम से एक धार्मिक ट्रस्ट की शुरुआत की। इस ट्रस्ट के माध्यम से अरबी भाषा, कुरान, हदीस और फ़िक़्ह से जुड़े ऑफलाइन पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं, साथ ही समाजसेवा के कार्य भी किए जाते हैं।
मुफ्ती शमाइल नदवी एक सक्रिय इस्लामिक स्कॉलर और वक्ता हैं। वे यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नास्तिकता, विज्ञान और इस्लाम जैसे विषयों पर अपनी बात रखते हैं। मुस्लिम युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता का कारण उनकी स्पष्ट, तर्कपूर्ण और बेबाक शैली मानी जाती है।