Mughal: 1526 में बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की। बाबर के पिता तैमूर वंश से और मां चंगेज खान के वंश से थीं।
Mughal: इस समय पूरे देश में मुगलों पर एक बहस चल रही है। जिसके पीछे कारण है कि अभी कुछ ही दिनों पहले "Chava" नाम की एक फिल्म आई थी। जिसमें मुगल शाशक औरंगजेब और वीर छत्रपति शिवाजी के पुत्र संभाजी के बीच हुई लड़ाई को दिखाया गया है। लेकिन एक सवाल कई लोगों के मन में उठ रहा है कि मुगलों का नाम मुगल ही क्यों रखा गया या उनको मुगल क्यों कहा गया?
दरअसल, 1526 में बाबर ने भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की। बाबर के पिता तैमूर वंश से और मां चंगेज खान के वंश से थीं। हालांकि, बाबर की नीतियों और शासन प्रणाली पर तैमूरी प्रभाव अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। तैमूर वंश का साम्राज्य ईरान, इराक और तुर्की तक फैला हुआ था, जबकि चंगेज खान चीन और मध्य एशिया के क्षेत्रों पर शासन करता था। बाबर के प्रशासन में चंगेज खान के प्रभाव के भी कुछ तत्व देखने को मिलते हैं। लेकिन एक प्रश्न यह उठता है कि बाबर और उसके वंशजों को 'मुगल' क्यों कहा गया?
मुगल शाशक बाबर अपने पिता के तैमूरी वंश से अधिक प्रभावित था, लेकिन इतिहास में उसकी पहचान उसकी माता की वंशावली के कारण बनी। 'मुगल' शब्द की उत्पत्ति फारसी भाषा के 'मुग' शब्द से हुई, जिसका अर्थ 'मंगोल' होता है। चूंकि बाबर की मातृवंशीय जड़ें मंगोलों से जुड़ी थीं, इसलिए उसे और उसके वंशजों को मुगल कहा जाने लगा। इसलिए मंगोल से नाता होने के कारण उनको मुगल कहा गया।
बाबर और उसके पूर्वज मुख्य रूप से तुर्की भाषी थे, क्योंकि उनका अधिकतर समय तुर्की क्षेत्र में व्यतीत हुआ था। लेकिन जब मुगलों ने भारत में अपनी सत्ता स्थापित की, तो उन्होंने राजकाज और प्रशासनिक कार्यों के लिए फारसी भाषा को अपनाया। फारस के लोगों के बीच उनकी छवि को परिष्कृत बनाने के लिए फारसी भाषा का अध्ययन आवश्यक माना गया। धीरे-धीरे मुगलों ने इस भाषा को अपने साहित्य, शिक्षा और प्रशासन में स्थान दिया। गणित और ज्योतिष जैसे विषयों की शिक्षा भी फारसी में दी जाने लगी।