अहमदाबाद

नन्हे बीई स्नातक बने निर्भय

चार साल की इंजीनियरिंग की पढ़ाई एक साल में ही की पूरी

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अहमदाबाद. गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में १५ वर्षीय निर्भय ठाकर को बीई की डिग्री प्रदान की गई। १५ वर्षीय निर्भय ने चार साल की इंजीनियरिंग की पढ़ाई को महज एक ही साल में पूरा करके सबके चौंका दिया। निर्भय ने इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखा में बीई के चार सालों के पेपर को एक ही साल में उत्तीर्ण किया। उन्होंने ८.२३ सीजीपीए पाए। निर्भय कक्षा आठ से लेकर 12वीं की परीक्षा भी एक ही साल में पास कर चुके हैं। निर्भय जीटीयू के इतिहास के सबसे नन्हें बीई स्नातक हैं। निर्भय ने संवाददाताओं को बताया कि वह दैनिक छह से सात घंटे की पढ़ाई करते थे। निर्भय ने कहा कि वह सिर्फ यही कहना चाहते हैं कि विद्यार्थियों को तनाव के साथ पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। अभिभावकों को भी जरूरत है कि वह विद्यार्थियों पर ज्यादा पढ़ाई करने के लिए दबाव ना डालें। रटने की जगह समझकर पढ़ाई करने से ज्ञान मिलता है।
निर्भय के पिता धवल ठाकर भी इंजीनियर है। मां डॉक्टर हैं। वह अपने बेटे निर्भय की महत्वाकांक्षा और योग्यता को देखकर उसके सपने को पूरा करने में उसका पूरा साथ दे रहे हैं। निर्भय की पढ़ाई और योग्यता को देखते हुए जीटीयू और वह जिस कॉलेज से पढ़े हैं उस कॉलेज की ओर से भी विशेष लेक्चर, परीक्षाएं आयोजित की। सिर्फ निर्भय के लिए ही परीक्षा ली और परिणाम जारी किया। यह विशेष मामले में हुआ। निर्भय ने केम्ब्रिज इंटरनेशनल एक्जामिनेशन के जरिए इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेन्डरी एजूकेशन (आईजीसीएसई) से ८ से १२वीं की पढ़ाई महज एक साल में पूरी की।

शिक्षा-दीक्षा-संस्कार के समन्वय से काम करें युवा: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि युवा विद्यार्थी शिक्षा-उपाधि के साथ-साथ दीक्षा और संस्कार का समन्वय साधकर समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए योगदान दें। वह शुक्रवार को गांधीनगर महात्मा मंदिर में आयोजित गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ओ.पी.कोहली ने समारोह में ५० हजार डिग्री और २० हजार विद्यार्थियों को डिप्लोमा प्रदान किया गया। इसके अलावा १९८ को स्वर्ण पदक प्रदान किया। एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ.एम.पी.पूनिया ने कहा कि विद्यार्थियों को आत्मविश्वास रखते हुए टीमभावना के साथ काम करना चाहिए। गुरुजनों का आदर करना चाहिए। इसके अलावा जीटीयू में पीएचडी के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम लागू किया जाएगा। गांवों में जाकर स्टार्टअप और प्रोजेक्ट करने वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष ग्रांट आवंटित की जाएगी।जीटीयू कुलपति डॉ.नवीन शेठ ने विश्वविद्यालय की वार्षिक गतिविधियों की रिपोर्ट पेश की। रजिस्ट्रार एस.डी.पंचाल ने स्वागत किया।

Updated on:
13 Jan 2018 11:06 pm
Published on:
12 Jan 2018 09:37 pm
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