केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन के तहत जिले में कई ठेकेदार गुणवत्ताहीन कार्य कर रहे हैं। कुछ ठेकेदारों ने काम शुरू नहीं किया है, जिन्होंने काम शुरू किया है, लेकिन कार्य अधूरा छोड़ दिया है। पीएचई ने जिले के 15 ठेकेदारों को नोटिस जारी करते हुए फटकार लगाई है।
Water Tank Construction : केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन के तहत जिले में कई ठेकेदार गुणवत्ताहीन कार्य कर रहे हैं। कुछ ठेकेदारों ने काम शुरू नहीं किया है, जिन्होंने काम शुरू किया है, लेकिन कार्य अधूरा छोड़ दिया है। पीएचई ने जिले के 15 ठेकेदारों को नोटिस जारी करते हुए फटकार लगाई है। इनमें से तीन ठेकेदारों के टेंडर भी निरस्त कर दिए हैं। इन तीनों जगहों पर नए सिरे से टेंडर होगा। इसके बाद पुन: काम शुरू किया जाएगा। कसही (ट), सरेखा व करकाभाट की पानी टंकी का ठेका निरस्त किया गया है। पीएचई के मुताबिक जिले में कुल 690 गांवों में जल जीवन मिशन के तहत काम होना हैं। इसमें से 367 गांवों में काम पूरा हो चुका है।
ठेकेदारों के सुस्त कार्य की वजह से समय पर काम पूरा नहीं हो रहा है। कई गांव में काम शुरू हुए तीन साल बीत गए, लेकिन आज तक टंकी से पानी की सप्लाई ही नहीं हुई है। विभाग समय-समय पर निरीक्षण करता है, लेकिन अधिकारी की बात ठेकेदार भी नहीं सुनते। खमियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
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मापदंड के अनुरूप रानीतराई व दरबारी नवागांव में पानी टंकी नहीं बनी, जिसे तोड़ने का काम जारी है। पीएचई के मुताबिक जिले के चार जगहों के पानी टंकी तोडऩे के आदेश दिए हैं। रानीतराई व दरबारी नवागांव में टंकी तोड़ी जा रही है। ठेकेदार भी विभाग को गुणवत्तायुक्त कार्य की रिपोर्ट देता रहा, लेकिन विभाग की जांच में गुणवत्ताहीन पाया गया।
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जांच टीम ने सिवनी और मथेना में जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी टंकी का भी जायजा लिया। सिवनी में टंकी का हिस्सा मापदंड के अनुरूप तैयार नहीं किया गया था। मथेना में टंकी की सीढ़ी जांच में गुणवत्ताहीन पाई गई। जिसे तोडऩे का आदेश ईई सागर वर्मा ने जारी किया है। सभी जगह नए सिरे से मापदंड के अनुसार निर्माण किया जाएगा।
जलजीवन मिशन के तहत पानी टंकी का निर्माण पहले किया जा रहा है। इसके बाद बोर खनन किया जा रहा है। जिले के कुछ गांवों में बोर खनन किया, लेकिन पानी का स्रोत ही नहीं मिला। इसके कारण ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पीएचई का कहना है कि जहां पानी की सुविधाएं नहीं हैं, वहां समस्या हल करने का प्रयास किया जाएगा।
बालोद पीएचई विभाग के ईई सागर वर्मा ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत कार्यों में सुस्ती व लापरवाही बरतने वाले 15 ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस व तीन ठेकेदारों के कार्य असंतोषप्रद पाने की वजह से टेंडर निरस्त करने की कार्रवाई की गई है।