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Bypass Road : दस साल बाद भी तरौद से दैहान बायपास मार्ग का निर्माण नहीं हो सका शुरू

तरौद से दैहान बायपास मार्ग की स्वीकृति के लगभग 10 साल बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने जल्द बायपास निर्माण शुरू करने की मांग की है। 40 करोड़ की लगात से 7.80 किमी मार्ग के निर्माण में जमीन अधिग्रहण के बदले राजस्व विभाग को लगभग 8 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराना है।

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तरौद से दैहान बायपास मार्ग की स्वीकृति के लगभग 10 साल बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने जल्द बायपास निर्माण शुरू करने की मांग की है। 40 करोड़ की लगात से 7.80 किमी मार्ग के निर्माण में जमीन अधिग्रहण के बदले राजस्व विभाग को लगभग 8 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराना है।

बालोद जिले के तरौद से दैहान बायपास मार्ग की स्वीकृति के लगभग 10 साल बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने जल्द बायपास निर्माण शुरू करने की मांग की है। 40 करोड़ की लगात से 7.80 किमी मार्ग के निर्माण में जमीन अधिग्रहण के बदले राजस्व विभाग को लगभग 8 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराना है। वन एवं राजस्व विभाग गुंडरदेही ने मिलकर गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम घीना में लगभग 25 एकड़ जमीन ग्रामीणों की अनुमति से चिन्हांकित की है। इस चयनित जगह में वन विभाग पौधरोपण करेगा। बायपास मार्ग बनाने के लिए लगभग 2500 से भी ज्यादा पेड़ों की कटाई की जाएगी। इसके बदले पौधे रोपे जाएंगे।

काम में तेजी आने की उम्मीद

अभी तक जो मामला अटका हुआ था, वह जमीन उपलब्ध कराने का था। कुछ गांव में और जमीन का चयन किया गया था, लेकिन वहां अनुमति नहीं मिली। इसलिए दोबारा जमीन की तलाश की गई। अब जगह मिल गई है। काम में तेजी आने की उम्मीद है।

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तीन हजार पेड़ काटे जाएंगे

बायपास के लिए कितने पेड़ कटेंगे। सड़क कैसी बनेगी, यह सब तय है। पीडब्ल्यूडी के मुताबिक 7.8 किमी सड़क 10 मीटर चौड़ी बनेगी। बालोद शहर सहित 15 गांव के लोग सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं। लगभग 3 हजार पेड़ कटेंगे।

किसानों को दे दिया मुआवजा

बायपास में पीडब्ल्यूडी ने 35 किसानों से लगभग 8 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने के बाद सभी किसानों को मुआवजा भी दे दिया है। वन विभाग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

बायपास से यह होगा फायदा

बायपास बालोद-दल्ली मुख्य मार्ग में दैहान के पास से सीधे अमलीडीह, खेरथाडीह होते हुए तरौद के पास मिलेगा। भारी मालवाहक इसी मार्ग से होते हुए जुंगेरा व पाररास से बायपास होते हुए पड़कीभाट, बालोद- दुर्ग मार्ग से दुर्ग या फिर धमतरी निकलेंगे। इसी मार्ग से वापसी होते हुए राजनांदगांव, दल्लीराजहरा जाएंगे। कोई भी भारी वाहन शहर के अंदर से नहीं गुजरेगा।

दस साल का लंबा इंतजार

बायपास निर्माण से राहत मिलेगी, लेकिन इस सुविधा के लिए अभी दस साल का इंतजार लोगों को करना पड़ गया। अभी टेंडर प्रक्रिया में भी समय लगेगा। कहा जाए आगामी एक साल भी राहत की उम्मीद की कम है।

कार्यवाही वन विभाग करेगा

गुंडरदेही एसडीएम प्रतिमा ठाकरे ने कहा कि बायपास निर्माण के लिए जगह की तलाश की जा रही थी। वन राजस्व विभाग ने मिलकर गुंडरदेही के घीना में जमीन तलाश कर दे दी है। अब आगे की कार्यवाही वन विभाग करेगा।

अनुमति का इंतजार

लोक निर्माण विभाग के ईई पूर्णिमा चंद्रा ने कहा कि हमारी तैयारी पूर्ण है। जैसे ही प्रोजेक्ट की प्रक्रिया पूर्ण होगी, हम टेंडर प्रक्रिया कर काम शुरू करा देंगे। हमें अनुमति का इंतजार है।