17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सफाई में थ्री स्टार, मगर जगह-जगह दिखाई देता है कचरे का ढेर

बालोद शहर में लगातार आबादी व मकान बढ़ रहे हैं। अब नगर से निकलने वाले कचरा भी बढ़ गया है। पहले चार टन कचरा प्रतिदिन निकलता था। अब यह बढ़कर आठ टन हो गया है।

2 min read
Google source verification
बालोद शहर में लगातार आबादी व मकान बढ़ रहे हैं। अब नगर से निकलने वाले कचरा भी बढ़ गया है। पहले चार टन कचरा प्रतिदिन निकलता था। अब यह बढ़कर आठ टन हो गया है।

बालोद शहर में लगातार आबादी व मकान बढ़ रहे हैं। अब नगर से निकलने वाले कचरा भी बढ़ गया है। पहले चार टन कचरा प्रतिदिन निकलता था। अब यह बढ़कर आठ टन हो गया है। घर- घर कचरा कलेक्शन के बाद भी शहर के कई जगह कचरे का ढेर दिखाई देता है। हालांकि नगर पालिका का दावा है कि वह नियमित सफाई करवा रही है। वहीं स्वच्छता के मामले में बालोद नगर पालिका को थ्री स्टार रेटिंग भी मिली है। लेकिन शहर को गंदा करने में पालिका के साथ नगर के लोग भी जिम्मेदार हैं।

कचरा डंप करने दुधली में 5 एकड़ जमीन का चयन

साफ-सफाई के प्रति शहरवासी भी जिम्मेदारी निभाते तो शहर और बेहतर स्वच्छ रहता। शासन की योजना के तहत अब जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर दुधली में 5 एकड़ जमीन का चयन किया गया है, जहां बालोद नगर पालिका सहित जिले के सभी नगरीय निकायों का कचरा डंप किया जाएगा। कचरे को ट्रीटमेंट प्लांट में डिस्पोज किया जाएगा। इस योजना को पूरा होने में लगभग एक साल लग सकता है।

यह भी पढ़ें :

बालोद टेक्नोफेस्ट 2.0 में दो दिन में 250 मॉडलों का होगा प्रदर्शन

इनके भरोसे सफाई व्यवस्था

जेसीबी - 2
टिप्पर - 10
ई-रिक्शा - 12
हाथ रिक्शा - 14
नाइटसिपिंग - 1
सीवर मशीन 1

यहां निकलता है सबसे अधिक कचरा

शहर की बात करें तो सबसे ज्यादा कचरा वार्ड-4, व्यावसायिक परिसर क्षेत्र, सदर मार्ग, बुधवारी बाजार व बस स्टैंड क्षेत्र में निकलता है।

कचरा एकत्र करने और निष्पादन पर लाखों खर्च

2018 से शहरवासियों के घर से लेकर दुकानों से भी निकलने वाले कचरे को एकत्र कर उसे छंटनी करने एवं डिस्पोज करने तक नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च कर डाले, लेकिन सफाई व्यवस्था में आज भी सुधार लाने की जरूरत है। शहर के कई हिस्सों में कचरा जाम है। जानकारी के अनुसार 2018 में दो अलग-अलग जगह पर लाखों की लागत से मणिकंचन केंद्र, कम्पोस्ट शेड बनाया गया। साथ ही कचरा एकत्र करने लाखों का ट्रैक्टर, जेसीबी, रिक्शा, ई-रिक्शा काम पर लगाया गया है।

यह भी पढ़ें :

तेज रफ्तार ट्रक ने कार को मारी टक्कर, दो युवकों की मौत और दो घायल

सफाई पर हर माह 8 लाख तक खर्च

शहर की साफ-सफाई के लिए नगर पालिका हर माह 7-8 लाख रुपए खर्च करती है। इसमें सफाई कर्मियों के वेतन, डीजल सहित मेंटेनेंस कार्य भी शामिल है। आबादी बढऩे के साथ लागत भी बढ़ेगी।

सफाई व्यवस्था बेहतर

नगर पालिका सफाई निरीक्षक पूर्णानंद आर्य ने कहा कि शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था की जा रही है। आबादी व दुकान बढऩे के साथ कचरा भी बढ़ा है। वर्तमान में लगभग 8 टन कचरा प्रतिदिन निकलता हैं। सफाई में पालिका की टीम के अलावा शहरवासियों को भी सहयोग करना चाहिए। नालियों में कचरा न डाले, निश्चित जगहों पर ही कचरा डालें। घरों व दुकानों से निकलने वाले कचरे को डोर टू डोर कलेक्शन करने वाले कर्मचारियों को दें।