Dhulandi 2025 Puja Muhurt: होलिका दहन के अगले दिन धुलंडी त्योहार मनाया जाता है, यानी इसी दिन रंग खेला जाता है। कई लोगों के मन में सवाल होता है कि हर व्रत त्योहार में पूजा करते हैं तो क्या धुलंडी के दिन भी पूजा करते हैं और रंग खेलने वाले कपड़ों को क्या घर में रखना चाहिए तो पुरोहित शिवम तिवारी से जानते हैं जवाब ..
dhulandi 2025 Puja Muhurt: हिंदू धर्म में हम हर काम में बड़ों, बुजुर्गों, देवी देवताओं के आशीर्वाद के लिए प्रयास करते हैं, धुलेंडी भी इससे अलग नहीं है । धुलंडी को धुरड्डी, धुरखेल, धूलिवंदन, धुरेंडी और चैत बदी आदि नामों से जाना जाता है।
मान्यता त्रेतायुग की शुरुआत में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा के दिन ही भगवन विष्णु जी ने धूलि का वंदन किया था। इसलिए होली के अगले दिन धुलेंडी त्योहार मनाया जाता है। इसमें लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते हैं, कई जगहों पर धूल और कीचड़ भी लगाते हैं, यह धूल स्नान कहा जाता है। आइये जानते हैं कब है धुलेंडी और क्या है पूजा का मुहूर्त
पंचांग के अनुसार धुलंडी 14 मार्च 2025 शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है।
पूजा का अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:07 से 12:54 के बीच।
पूजा का शाम का मुहूर्त: 06:26 से 07:41 के बीच।
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1.सालों पहले गांवों में लोग दोपहर से पहले धुलंडी के दिन रंग खेलते थे, कीचड़, मिट्टी से भी उत्सव मनाते थे, इसे धूल स्नान करते थे। लेकिन अब यह नहीं होता। शाम को घर-घर जाकर फाग गाया जाता था। नाच गाकर खुशियां मनाई जाती थी, प्रहसन किया जाता था। हालांकि यह रिवाज भी बदलता जा रहा है।
2. कई जगहों पर लोग एकजुट होकर अपने परिचितों या समाजजनों के उन घरों में रंग डालने जाते थे जहां पर किसी की मौत हो गई हो और उसके बाद पहली होली हो और गमी के माहौल को खत्म कर उसका शुद्धिकरण करते थे।
ज्योतिषियों के अनुसार होली खेलने के बाद रंगों से सने कपड़ों को दोबारा नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि यह कपड़े नकारात्मक ऊर्जा लिए होते हैं, इसलिए होली के बाद इन्हें दोबारा धोकर खुद नहीं पहनना चाहिए।