Shri Sankatnashan Ganesh Stotram: श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्रम् भगवान गणेश के लोकप्रिय स्तोत्र में से एक है। यह नारद पुराण में उल्लिखित है। रोज इस गणेश स्तुति को पढ़ने से जीवन बाधाओं से मुक्त हो जाता है। पढ़ें संपूर्ण श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्रम्.
Shri Sankatnashan Ganesh Stotram: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र का नियमित रूप से जप करने से व्यक्ति के जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। गणपति भक्त को हर संकट से दूर करते हैं, सुख समृद्धि प्रदान करते हैं। वैसे तो रोज इस स्तोत्र को पढ़ना चाहिए, लेकिन विशेष रूप से बुधवार, संकष्टी चतुर्थी, विनायक चतुर्थी और गणेश चतुर्थी के दिन इसे जरूर पढ़ना चाहिए ..
प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मेरनित्यमाय्ःकामार्थसिद्धये॥1॥
प्रथमं वक्रतुण्डं चएकदन्तं द्वितीयकम्।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षंगजवक्त्रं चतुर्थकम्॥2॥
लम्बोदरं पञ्चमं चषष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजं चधूम्रवर्णं तथाष्टकम्॥3॥
नवमं भालचन्द्रं चदशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिंद्वादशं तु गजाननम॥4॥
द्वादशैतानि नामानित्रिसन्ध्यं य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्यसर्वासिद्धिकरं प्रभो॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यांधनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभतेपुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम्॥6॥
जपेद्गणपतिस्तोत्रंषड्भिर्मासै: फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं चलभते नात्र संशय:॥7॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्चलिखित्वां य: समर्पयेत्।
तस्य विद्या भवेत्सर्वागणेशस्य प्रसादत:॥8॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकटनाशनगणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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