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Narak Chaturdashi 2024 Date: नरक चतुर्दशी कब है, जानें इस दिन क्या करें और क्या नहीं

दीपावली पर्व का दूसरा त्यौहार नरक चतुर्दशी होता है। इस बार यह पर्व  30 अक्टूबर 2024  बुधवार को मनाया जाएगा।

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Oct 21, 2024
Narak Chaturdashi 2024 Date

Narak Chaturdashi 2024 Date: नरक चतुर्दशी कार्तिक मास में मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 30 अक्टूबर 2024 बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन यमराज के अलावा भगवान हनुमान पूजा, श्रीकृष्ण पूजा, काली पूजा, शिव पूजा और भगवान वामन की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन 7 देवी- देवताओं की पूजा की जाती है।

Narak Chaturdashi 2024 Date:

नरक चतुर्दशी कब है, जानें इस दिन क्या करें? हिंदू पंचांग के अनुसार, इसकी तिथि 30 अक्टूबर 2024 को बुधवार को दोपहर 01ः15 बजे से 31 अक्टूबर 2024 , बृहस्पतिवार को दोपहर 03ः52 बजे तक रहेगी।

नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त : Auspicious time of Narak Chaturdashi

अमृत काल- 02:56 दोपहर से 04:45 दोपहर तक।

ब्रह्म मुहूर्त–04:49 सुबह से 05:40 सुबह तक।

गोधूलि मुहूर्त- 05:37 संध्या से 06:03 संध्या तक।

निशिता मुहूर्त 11:39 रात्रि से 12:31 सुबह तक।

सर्वार्थ सिद्धि योग 06:32 सुबह से 09:43 रात तक।

दिन का चौघड़िया मुहूर्त ः Choghadiya Muhurta of the day

लाभ ः 06:32 AM  से 07:55 AM तक। 

अमृत ः 07:55 AM से 09:18 AM तक। 

शुभ ः 10:41 AM  से 12:05 PM तक। 

लाभ ः 04:14 PM  से 05:37 PM तक। 

रात्रि का चौघड़िया मुहूर्त : Choghadiya Muhurat of night

शुभ ः 07:14 PM से 08:51 PM तक।

अमृत: 08:51 PM से 10:28 PM तक।

 लाभ:  03:19 AM से 04:56 PM तक।

नरक चतुर्दशी स्नान विधि : Narak Chaturdashi bathing method

1.  नरक चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पूर्व उठकर स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन ऐसा करने से रूप में निखार भी आता है। इस दिन तांबे के लोटे से स्नान करना चाहिए। 

2. चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जिसे नरक चतुर्दशी या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान करनें से नरक जाने से बच सकते हैं। स्नान के समय उबटन के लिए तिल के तेल का उपयोग करना चाहिए। 

3. इस दिन देवी-देवताओं की उपासना करें, और उनका भोग भी लगाएं। 

4. शाम के समय भगवान यमराज के नाम का तेल दीपक जलाएं, और उसे घर की चौखट के बाहर रख दें। 

5. दक्षिण दिशा में मुंह करके पूजा करें। और भगवान से प्रार्थना करें। 

Updated on:
21 Oct 2024 12:26 pm
Published on:
21 Oct 2024 12:05 pm
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