CG News: गरियाबंद जिले में एक सरकारी गाड़ी ऐसी भी चली जो पेट्रोल-डीजल, दोनों पीती थी। 5 साल में इसके नाम पर 25 लाख रुपए का बिल फट गया। जिले में विभाग को एक बार में जितना बजट नहीं मिलता, उससे ज्यादा एक गाड़ी के तेल पर खर्च हो गया। भनक लगते ही अफसरों के कान खड़े हुए। राजधानी से जांच के लिए टीम भेजी गई। रिपोर्ट में गड़बड़ी का खुलासा होते ही कलेक्टर बीएस उइके ने सीएमएचओ दफ्तर में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 विजेंद्र ध्रुव को सस्पेंड कर दिया है।
CG News: गरियाबंद जिले में एक सरकारी गाड़ी ऐसी भी चली जो पेट्रोल-डीजल, दोनों पीती थी। 5 साल में इसके नाम पर 25 लाख रुपए का बिल फट गया। जिले में विभाग को एक बार में जितना बजट नहीं मिलता, उससे ज्यादा एक गाड़ी के तेल पर खर्च हो गया। भनक लगते ही अफसरों के कान खड़े हुए। राजधानी से जांच के लिए टीम भेजी गई। रिपोर्ट में गड़बड़ी का खुलासा होते ही कलेक्टर बीएस उइके ने सीएमएचओ दफ्तर में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 विजेंद्र ध्रुव को सस्पेंड कर दिया है।
दरअसल, पूरा मामला सीएमचओ दफ्तर की सुमो गाड़ी से जुड़ा है। सिविल सर्जन ऑफिस में गाडिय़ों की कमी के चलते यह गाड़ी वहीं भेज दी गई थी। बताते हैं कि कई बार एंबुलेंस के तौर पर भी इस्तेमाल की जाती थी। सितंबर 2019 से दिसंबर 2023 के बीच शहर के शांति फ्यूल्स से इस गाड़ी में 25 लाख रुपए ईंधन डाला गया। मतलब हर महीने 49 हजार रुपए से ज्यादा का तेल। पेमेंट में गड़बड़ी की शिकायत जिले से होते हुए संभाग में बैठे उच्चाधिकारियों तक पहुंची। जॉइंट डायरेक्टर ने राजधानी में जांच के लिए टीम बनाकर गरियाबंद भेजी।
दस्तावेजों की पड़ताल में सामने आया कि पंप में इस गाड़ी के नाम पर कई बार पेट्रोल डलवाया गया और कई बार डीजल। दो तरह के ईंधन एक गाड़ी में इस्तेमाल नहीं होते। बिल में और भी कई गड़बडिय़ां मिलीं, लेकिन सेम व्हीकल में दो तरह का फ्यूल डालने की बात जांच की अहम कड़ी रही। पेट्रोल पंप का 25 लाख का अवैध बिल पास करने के मामले में कलेक्टर ने विजेंद्र को जिम्मेदार मानते हुए सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) अधिनियम 1966 के नियम-09 के तहत सस्पेंड किया है। फिलहाल उन्हें छुरा सीएचसी में अटैच किया गया है।
2019 से 2013 के बीच 51 महीने तक चले इस घोटाले के पीछे जो कुछ और लोगों को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। इनमें से अभी कोई सस्पेंड है, तो कोई रिटायर हो चुका है। पहले जब मामले की जिला स्तर पर जांच चल रही थी, तो स्वास्थ्य महकमे की एक बड़ी अफसर बड़ी मुसीबत में पड़ गई थीं। गाड़ी से जुड़े बिल-वाउचर मांगने पर एक कर्मचारी इतना भड़का कि आमने-सामने की लड़ाई पर उतारू हो गया। बताते हैं कि अधिकारी पर हमला करने के लिए जिला अस्पताल तक पहुंच गया था। वो भी फिलहाल सस्पेंड चल रहा है।
इधर, जिला पंचायत सीईओ जीआर मरकाम ने फिंगेश्वर जनपद पंचायत से जुड़े एक मामले में संकाय सदस्य अभय प्रकाश साहू को राजिम एसडीएम दफ्तर में अटैच कर दिया है। बीते दिनों सुरसाबांधा में सुशासन तिहार के तहत शिविर लगा था। तब मनरेगा के अफसर-कर्मचारियों ने बताया था कि वे काम के लिए जाते हैं, तो अभय प्रकाश उनसे बुरा व्यवहार करता है। कलेक्टर उइके ने सरकारी मातहतों से ऐसे व्यवहार और कामकाज में रुकावट को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में निलंबन की कार्रवाई की गई है।