गोंडा के वजीरगंज में किराए के मकान में रह रहे सहायक अध्यापक का शव संदिग्ध हालात में मिला। करीब एक हफ्ते तक घर बंद रहने के बाद दुर्गंध उठी तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। शिक्षक मूल रूप से कानपुर के रहने वाले थे।
गोंडा जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बालेश्वरगंज बाजार में एक शिक्षक की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान 55 वर्षीय दुर्गेश कुमार शुक्ल के रूप में हुई है। जो मूल रूप से कानपुर के रहने वाले थे। वह वजीरगंज क्षेत्र में किराए के मकान में अकेले रहते थे। वे नवाबगंज विकासखंड के हरिहरपुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।
सहायक अध्यापक दुर्गेश शुक्ल लोगों के अनुसार शराब के आदी थे। अक्सर अकेले ही रहते थे। पड़ोसियों ने बताया कि 17 सितंबर को उनका बेटा अमन शुक्ल उनसे मिलने आया था। अगले ही दिन वापस लौट गया। इसके बाद से किसी ने दुर्गेश को घर से बाहर निकलते नहीं देखा। समय बीतने के साथ पड़ोसियों को घर से तेज दुर्गंध आने लगी। संदेह होने पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।
25 सितंबर को मौके पर पहुंची पुलिस ने खिड़की से झांककर देखा तो दुर्गेश का शव कमरे के अंदर कुर्सी पर बैठे अवस्था में मिला। तुरंत दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला गया।पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मृतक की पत्नी नीलम शुक्ल भी सूचना पाकर गोंडा पहुंचीं। शुक्रवार को पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे बेटे अमन शुक्ला ने बताया कि उन्हें किसी पर कोई शक नहीं है। कमरे से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है। अमन ने स्पष्ट किया कि उनके पिता लंबे समय से शराब की लत से जूझ रहे थे। फिलहाल पुलिस इसे संदिग्ध मौत मानते हुए मामले की जांच कर रही है।
इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। अकेलेपन और नशे की आदतों के कारण कई बार लोग समय से मदद न मिलने पर ऐसी परिस्थितियों का शिकार हो जाते हैं। पुलिस ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा।