Gonda News: परंपरागत खेती छोड़कर एक युवा किसान ने सब्जी की खेती को अपना कमाई का जरिया बनाया है। बीते 3 वर्षों से मटर की खेती कर मालामाल हो रहे हैं। बार एक एकड़ में मटर लगाई है। इनका कहना है कि 90 दिनों में 2.5 लाख शुद्ध लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं इनके मटर की खेती के विषय में पूरी जानकारी।
Gonda News: गोंडा जिले के एक ऐसे किसान जो कुछ दिनों तक परदेस में रहने के बाद अब खेती को अपने कमाई का जरिया बनाया है। इनका कहना है कि यदि वैज्ञानिक तरीके और लीक से हटके कुछ अलग किया जाए तो उसके बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं। परंपरागत धान, गेहूं की खेती छोड़कर इन्होंने बटाई पर जमीन लेकर मिर्च मसाले और सब्जी की खेती शुरू किया। अब मटर और टमाटर की खेती कर मालामाल हो रहे हैं। प्रतिवर्ष 1 एकड़ मटर की फसल लगाकर 90 दिनों में ढाई से तीन लाख रुपये इन्हें मिल जाते हैं। इनका कहना है कि एक हिसाब से देखा जाए तो 90 दिनों में 50 हजार रुपये प्रति बीघा शुद्ध लाभ होता है।
Gonda News: गोंडा जिले के जेठपुरवा के रहने वाले श्याम रंग बताते हैं कि वह बीते करीब चार-पांच वर्षों से सब्जी की खेती कर रहे हैं। इसमें मटर की खेती में इनको बेहतर लाभ मिला है। इनका कहना है कि एक बीघा मटर की खेती में 4 से 5 हजार रुपए की अधिकतम लागत आती है। एक बीघा मटर की फसल अच्छी लग जाए तो। 10 से 15 कुंतल प्रति बीघा फली निकल आती है। बाजार में थोक भाव 40 से 50 प्रति किलो बिकता है। 50 से 60 दिन बाद फली टूटने लगती है। इस तरह 90 से 120 दिनों के बीच प्रति बीघा सारे खर्चे काटने के बाद न्यूनतम 50 हजार रुपये बच जाते हैं। इस बार उन्होंने एक एकड़ में मटर की फसल लगाई है। पिछले साल भी इन्हें एक एकड़ में करीब 2.60 लाख रुपए शुद्ध लाभ मिला था।
मटर की फसल 90 से 120 दिनों में फल फूल लेकर समाप्त हो जाती है। बुवाई के 50 से 60 दिनों के बीच इन में फल लगने लगते हैं। मटर की फली को तोड़कर आसपास के बाजारों में थोक भाव में बेच देते हैं।
फसलों को छुट्टा जानवरों से बचाने के लिए श्याम रंग ने अपने खेत में झटका मशीन लगाया है। कोई भी जानवर जैसे ही इनके खेत में घुसने का प्रयास करता है। खेत के चारों तरफ लगे वायर इन्हें तेजी से झटका देते हैं। सबसे खास बात यह है। झटका मशीन से किसी जानवर की मौत नहीं होती है। एक बार टच होने के बाद जिससे झटका लग जाता है। वह दोबारा खेत की तरफ देखता भी नहीं है।
श्याम रंग बताते हैं कि मटर की बुवाई करने के लिए खेत को पहले अच्छी तरह तैयार कर ले। उसके बाद मटर की बुवाई पंक्ति में करें। सिंचाई के लिए लंबी और छोटी क्यारियां बनाएं। मटर की बहुत हल्की सिंचाई करें। अर्किल मटर की कई प्रजातियां आती हैं। इनमें से किसी भी प्रजाति को चुन सकते हैं।