Jalgaon Train Accident: महाराष्ट्र के जलगांव में हुए ट्रेन हादसे में मृतकों की संख्या अब 13 पहुंच गई है। जिसमें गोंडा जिले का भी एक युवक पुष्पक एक्सप्रेस पर सवार होकर मुंबई जा रहा था। ट्रेन हादसे में उसकी दर्दनाक मौत हो गई। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। भाई ने रोते हुए बताया कि रात को 1 बजे बात हुई। उसके कुछ देर बाद फोन आया भैया नहीं रहे।
Jalgaon Train Accident: गोंडा जिले के कटरा बाजार थाना के गांव जुलाहन पुरवा का रहने वाला नसीरुद्दीन सिद्दीकी 18 वर्ष जीवन में पहली बार लोगों के साथ मुंबई कमाने के लिए 21 तारीख को घर से निकला था। उसके साथ उसके गांव के कुछ और लोग थे। ट्रेन में आग लगने की अफवाह के बाद अफरा तफरी मच गई। यात्रियों ने ट्रेन को चेन पुलिंग कर रोका और उसके बाद इधर-उधर कूदने लगे। दूसरी ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस के चपेट में आ जाने से 13 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। जिसमें नसीरुद्दीन भी शामिल था।
Jalgaon Train Accident: गोंडा जिले के कटरा बाजार थाना के गांव जुलाहन पुरवा रहने वाले मृतक नसीरुद्दीन के बड़े भाई सिराज ने रोते हुए बताया कि हमारे भाई 18 वर्ष की उम्र में जीवन में पहली बार मुंबई कमाने जा रहे थे। हमने उन्हें रोका था की कमाने ना जाओ। लेकिन उन्होंने कहा कि भैया सभी लोग कमाने जा रहे हैं। हम भी जाएंगे। हमसे उनसे कहा कि तुम वहां के विषय में कुछ जानते नहीं हो कमाने ना जाओ। तो उसने कहा कि हम सबके साथ जाएंगे। जब सबके साथ वह चलने लगा तो फिर हमने कहा कि इन लोगों का साथ छोड़ना नहीं। रात के 1 बजे हमने उनके पास फोन मिलाया तो उन्होंने कहा कि खाना खा लिया है। भैया सब कुछ ठीक है। फिर हमने उनसे कहा कि यदि ट्रेन में कोई कुछ देता है। तो उसे खाना पीना नहीं। उसके बाद फोन कट गया। 1 घंटे बाद मेरे बड़े पिताजी के लड़के का फोन आया कि ट्रेन में आग लगने की अफवाह उड़ी और वह कूदे, और खत्म हो गए। उसने बताया कि गांव और परिवार नाते रिश्तेदार को मिलाकर सात आठ लोग थे। सिर्फ हमारे भाई की मौत हुई है। इसके बाद चिल्लाकर रोने लगे। घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। पूरे गांव में मातम का माहौल है। गांव से एक होनहार के चले जाने का दुख सबकी आंखों में छलक रहा है। इस घटना को लेकर हर किसी की आंखें नम है।
नसीरुद्दीन बहुत ही गरीब घर का लड़का था। घर की रोजी-रोटी किसी तरह से चल रही थी। रहने के लिए टूटा फूटा मकान था। इन्हीं सब परेशानियों को लेकर उसके अंदर कमाने की ललक पैदा हुई और घर से निकल पड़ा। लेकिन प्रकृति को कुछ और मंजूर था। ग्रामीणों ने कहा कि ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाए।