प्रभात पांडेय गोरखपुर में गीडा इलाके के देईपार गांव के रहने वाले थे। वे अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे और दो बहनों में सबसे बड़े थे। बुधवार को कांग्रेस प्रदर्शन के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
बुधवार को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत हो गई। आज गुरुवार को प्रभात का शव गोरखपुर पहुंचा तो मां रोते-रोते बेहोश हो जा रहीं थी, बहनों की चीख दिल दहला दे रही थी। पिता को भी परिजन सम्हाले थे। गांव में शोक की लहर फैली है।अंतिम संस्कार में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय शामिल हुए हैं।
प्रभात के पिता दीपक पांडेय ने कहा हमारा तो सब मिट गया ,सब खत्म हो गया। इकलौता बेटा चला गया। सब मेरे कर्म का दोष है। बाकी मुझे कुछ नहीं मालूम। चाचा मनीष पाण्डेय ने कहा कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं। उन्होंने अपना बच्चा खो दिया है, जो अब वापस नहीं आएगा। इस पर किसी भी तरह की राजनीति की जरूरत नहीं है। उन्हें न्याय चाहिए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य लोगों का फोन भी आया था। उन्होंने उनसे भी भतीजे की मौत पर सवाल किया है कि अगर वह 2 घंटे तक कांग्रेस कार्यालय पर बेहोश था, तो उसे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? उन्होंने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।बुधवार देर रात प्रभात के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। प्रारंभिक रिपोर्ट में पता चला कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई। पुलिस ने चाचा मनीष पांडेय की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।