राष्ट्रीय सेवा योजना के माता शबरी इकाई, पारिजात इकाई एवं महंत अवेद्यनाथ इकाई सप्तदिवसीय शिविर के पांचवें दिन बौद्धिक सत्र का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने स्टार्टअप इंडिया आज कैसे देश के विकास की रीढ़ बन गया उस पर अपने विचार रखे।
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना की माता शबरी इकाई, पारिजात इकाई एवं महंत अवेद्यनाथ इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिन के बौद्धिक सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष आचार्य डॉ.दिव्या रानी सिंह एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.रोहित श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष पैरामेडिकल विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक डॉ.अखिलेश कुमार दुबे उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ द्वीप प्रज्वलन,सरस्वती बन्दना के साथ प्रारंभ किया गया उसके उपरांत मुख्य वक्ता आचार्य डॉ.दिव्या रानी सिंह ने बताया कि स्टार्टअप इंडिया पहल ने युवा उद्यमियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है।
उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि कैसे स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत मिलने वाले समर्थन और संसाधन, उद्यमियों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित करते है। दिव्या ने यह रेखांकित किया कि इस पहल के माध्यम से न केवल रोजगार के नए अवसर सृजित होने बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा का संचार होगा सहयोग, नवाचार और डिजिटल क्रांति की इस दिशा में स्टार्टअप इंडिया, युवा शक्ति को प्रोत्साहित करते हुए देश के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रही है।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ.रोहित श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वास वह नींव है जिस पर मजबूत रिश्तों और सफल समाज का निर्माण होता है।जहाँ विश्वास होता है, वहाँ चुनौतियाँ भी अवसर में बदल जाती हैं।समन्वयक डॉ.अखिलेश कुमार दुबे सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि यह व्याख्यान स्वयंसेवकों को सामाजिक चेतना, नेतृत्व क्षमता एवं सेवा भावना के महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अभिषेक कुमार सिंह, डॉ. आयुष कुमार पाठक एवं श्री जयशंकर पाण्डेय के साथ शिक्षक श्री रवि यादव सहित सभी स्वयसेवक उपस्थिति रहे |यह सत्र सभी स्वयंसेवकों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी सिद्ध हुआ।