Monsoon 2025: उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मौसम ने करवट ली है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में अगले 26, 27, 28,29 और 30 मई तक गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार, 26 और 31 मई के बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है।
अगले 5 दिनों तक उत्तर प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। 25 से 31 मई तक पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश, गरज-चमक के साथ तेज़ हवाओं और बौछारों की चेतावनी जारी की गई है। विशेष रूप से 30 और 31 मई को पूर्वी यूपी के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही कुछ स्थानों पर 40 से 60 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ, बरेली, अयोध्या, मेरठ, बलरामपुर और मुरादाबाद में 40-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं। साथ ही गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने इन इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों(Hill station Weather) में भी मौसम का मिजाज बिगड़ने वाला है। 27 और 28 मई को हिमाचल के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि के साथ तेज़ हवाएं और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं। वहीं, उत्तराखंड(Uttarakhand Weather) के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में भी भारी बारिश और तेज़ हवाओं का खतरा बना हुआ है। कुमाऊं में कुछ स्थानों पर बारिश के साथ बर्फबारी के भी आसार हैं।
इस बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून भी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। 25 मई तक मानसून ने कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर और नागालैंड के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है। अगले तीन दिनों में इसके मुंबई, बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों तक पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया है कि महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहेगी।
किसानों और आम नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे मौसम संबंधी अद्यतन पर लगातार नजर बनाए रखें। तेज़ हवाएं और वर्षा फसलों, बिजली के उपकरणों और कमजोर ढांचों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। मौसम विभाग ने सुझाव दिया है कि लोग यात्रा को टालें, खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे खड़े न हों और विद्युत उपकरणों को बिजली से अलग रखें।