चंदपाटा और संखिया सागर झीलों से हाइऐसिंथ हटाने की गति बढ़ाना अनिवार्य है। अदालत ने कहा कि जब सीवेज का झीलों में गिरना बंद होगा, तभी हाइऐसिंथ की समस्या का स्थायी समाधान संभव है। ड्रेजर मशीनों से हाइऐसिंथ हटाने का कार्य जारी है, लेकिन इसे और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए।
HIGH COURT शिवपुरी शहर की गंदगी और सीवेज प्रबंधन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने पीएचईडी शिवपुरी के लिए 9.28 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है, जो शीघ्र ही विभाग को हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस धनराशि के मिलते ही मुख्य ट्रंक लाइन और ब्रांच लाइन डालने का काम शुरू हो सकेगा, जिससे शहर का सीवेज एकत्र होकर सीधे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तक पहुंचाया जा सकेगा। सांख्य सागर झील में सीवर का जो पानी जा रहा है, वह रुकेगा और झील साफ हो सकेगी।
आदित्य राज पांडे ने सांख्य सागर झील में मौजूद जलकुंभी हटाए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की है। विशेषज्ञों ने भी झील का निरीक्षण किया था। सीवर का पानी जाने की वजह से जलकुंभी हो रही है। इसके लिए सीवर का पानी रोकने की सलाह दी गई। 9.28 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित था। जो स्वीकृत हो चुका है। सुनवाई के दौरान शिवपुरी के सीएमओ इशांत धाकड़, पीएचई इंजीनियर शुभम अग्रवाल, माधव टाइगर रिजर्व के आरओ बृंदावन यादव व डब्ल्यूआरडी इंजीनियर विनोद शर्मा अदालत में उपस्थित रहे। सीएमओ ने अदालत को आश्वस्त किया कि घरों से लेकर ब्रांच पाइपलाइन तक घरेलू सीवेज लाइन बिछाने की जिम्मेदारी नगर पालिका निभाएगी, ताकि संपूर्ण सीवेज व्यवस्था सुचारू रूप से एसटीपी तक पहुंचे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि चंदपाटा और संखिया सागर झीलों से हाइऐसिंथ हटाने की गति बढ़ाना अनिवार्य है। अदालत ने कहा कि जब सीवेज का झीलों में गिरना बंद होगा, तभी हाइऐसिंथ की समस्या का स्थायी समाधान संभव है। ड्रेजर मशीनों से हाइऐसिंथ हटाने का कार्य जारी है, लेकिन इसे और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए।
कोर्ट ने जिला वेटलैंड प्रोटेक्शन कमेटी की बैठकों की कार्यवाही (मिनट्स) अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 14 जनवरी को निर्धारित की गई है।