अमित लक्षकार ने अपने बेटा-बेटी का आधार बनवाया। बेटे के आधार में बेटी के ङ्क्षफगर मिक्स हो गए। इससे बेटे का आधार कार्ड नहीं बना। शहर के हर सेंटर पर घूमने के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट से भी यूआईडी को मेल भेजा गया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद बेटे को लेकर ...
ग्वालियर. अमित लक्षकार ने अपने बेटा-बेटी का आधार बनवाया। बेटे के आधार में बेटी के ङ्क्षफगर मिक्स हो गए। इससे बेटे का आधार कार्ड नहीं बना। शहर के हर सेंटर पर घूमने के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट से भी यूआईडी को मेल भेजा गया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद बेटे को लेकर भोपाल व दिल्ली भी घूम आए, लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं निकला। अब बेटे के आधार के लिए भटक रहे हैं, क्योंकि इसके बगैर बेटे का स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है। अमित लक्षकार अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं है, जो आधार को लेकर परेशान हैं। हर दिन कलेक्ट्रेट में 10 से 12 लोग अपनी परेशानी लेकर आते हैं। लेकिन भोपाल व दिल्ली से उन्हें मदद नहीं मिल रही। आधार में सुधार नहीं हो पा रहा है। एक छोटी गलती लोगों के लिए भारी पड़ रही है। जो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, उन पर भी सहायता नहीं मिल रही है।
यूआईडी सेंटर खोलने का प्रस्ताव भोपाल भेज दिया है। इसकी स्वीकृति को लेकर क्या स्थिति है। इस संबंध में भोपाल में चर्चा करेंगे। यूआईडी सेंटर खुलने पर आधार बनवाना आसान होगा।
रुचिका चौहान, कलेक्टर