Dev Uthni Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी से फिर से बैंड-बाजा-बारात : मैरिज गार्डन व होटल फुल, इधर दीपावली के बाद फिर से गुलजार होंगे बाजार भी, पहले दिन ही शहर मे 400 शादियां होंगी
Dev Uthni Ekadashi 2024: शहर में 200 दिन बाद विवाह सहित अन्य शुभ कार्यों के मुहूर्त की शुरुआत 12 नवंबर से होगी। इससे पहले 29 अप्रैल से 28 जून तक शुक्र का तारा और 6 मई से 3 जून तक गुरु का तारा अस्त होने की वजह से विवाह मुहूर्त नहीं थे। इस बीच आने वाली 10 मई को अक्षय तृतीया पर भी इस बार अबूझ मुहूर्त नहीं होने से कम ही विवाह हुए थे, हालांकि गांवों में अबूझ मुहूर्त के चलते विवाह कार्य संपन करवाए गए। हालांकि इस बीच जुलाई में 5 दिन तक विवाह के संयोग भी थे।
17 जुलाई से 12 नवंबर तक चातुर्मास के दौरान देवशयन में होने से विवाह कार्यों पर विराम था, जो अब 200 दिनों बाद 12 नवंबर से देवउठनी एकादशी से फिर शहनाइयों की शुरुआत होगी। शहरवासियों की ओर से दीपावली के दिनों में विवाह संबंधी खरीददारी और शुभ कार्यों की शुरूआत हो चुकी थी। नवंबर माह में 12 नवंबर के बाद 15 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा और 18 नवंबर को सहालग की जमकर धूम रहने वाली है।
एक अनुमान के मुताबिक पहले दिन ही शहर मेें 400 शादियां होंगी। शादियों के कारण होटल, मैरिज गार्डन व धर्मशालाएं भी फुल हो चुकी हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी को विष्णु भगवान क्षीर सागर में शयन करते हैं।
चार माह उपरांत कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं, देवउठनी एकादशी 11 नवंबर को शाम 6.40 बजे से आरंभ होगी और इसका समापन 12 नवंबर को शाम 4.04 बजे होगा। इस दिन रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं। रवि योग सुबह 6.40 से 7.52 तक और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7.52 से दूसरे दिन 5.50 बजे तक रहेगा।
-नवंबर: 12, 17, 18, 22, 23, 25, 27, 28 और 29
-दिसंबर: 2, 3, 4, 6, 7, 10, 11, 13, 14 और 16
केटरस खुशी जैन ने बताया कि इस बार शादी सीजन बहुत अच्छा रहने वाला है। जिससे गार्डन, कैटरिंग, शहनाई पार्टी, कपड़ा, सराफा, बर्तन एवं अन्य व्यापार जो इस साल अप्रैल मई में शादी न होने के कारण कमजोर रहा, उसकी पूर्ति होगी। पहले से अब शादियों में कई बदलाव देखने मिल रहे हैं।
देवउठनी एकादशी पर गन्ना पूजन का बड़ा महत्व है। परंपरानुसार घरों में माता तुलसी और भगवान सालिगराम के विवाह के लिए गन्ने का मंडप सजाया जाएगा। इस दिन गन्ने के रेट आम दिनों से ज्यादा रहते हैं। हालांकि अभी बाजार में 100 रुपए के 5 गन्ने बिक रहे हैं। देव उठनी एकादशी पर माता तुलसी व भगवान सालिगराम के विवाह के लिए गन्ने का मंडप तैयार करने के लिए 3, 5 या 11 गन्ने का उपयोग होता है।
सोना और चांदी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर जाने के बावजूद पिछले 10 दिनों से इनमें दामों में गिरावट का दौर देखा जा रहा है। इसके चलते सहालग सीजन में सोना और चांदी की ज्वेलरी की डिमांड फिर से निकलेगी। सराफा कारोबारी अजय मंगल के मुताबिक इस बार दीपावली तक बाजार अच्छा रहा था, अब सहाल सीजन से भी सभी की उम्मीदें हैं। दाम महंगे होने के बाद भी खरीदारी का दौर देखने को मिलेगा।
दीपावली के बाद अब बाजारों में सहालग सीजन की पूछ-परख देखने को मिल रही है। देश के बड़े व्यापारी संघ कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (केट) का आंकलन है कि पिछले 5 सालों के मुकाबले इस बार हर सेगमेंट में औसतन 35 फीसदी उछाल रहेगा।
कैट के जिलाध्यक्ष रवि गुप्ता का कहना है कि संगठन ने दिल्ली सहित उत्तर भारत के सभी बड़े शहरों को लेकर आकलन किया है। इस बार विवाह के मुहूर्त भी ज्यादा हैं। नवरात्र और दशहरे पर इसके संकेत मिल चुके हैं। एफएमसीजी (ग्रॉसरी), लाइफ स्टाइल (ज्वेलरी), इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में उठाव देखने को मिलेगा।